Class 12th, hindi पाठ- 5 रोज सब्जेक्ट प्रश्न उत्तर, inter hindi subjective- question answer

Class 12th, hindi पाठ- 5 रोज सब्जेक्ट प्रश्न उत्तर, inter hindi subjective- question answer

हेलो दोस्तों नमस्कार इस पोस्ट में आप जानेंगे कक्षा 12 हिंदी पाठ 5 रोज जिसका लेखक हैं सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन .

इस पाठ का सभी महत्वपूर्ण subjective- प्रश्न आप देखने वाले जो आपके परीक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है ,पूरा पाठ खत्म है सारांश सहित.

 

Class 12th, hindi पाठ- 5 रोज सब्जेक्ट प्रश्न उत्तर, inter hindi subjective- question answer

05. रोज |

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय

| कहानी

पाठ के सारांश

कहानी के पहले भाग में मानती द्वारा अपने भाई के औपचारिक स्वागत का उल्लेख है जिसमें कोई उत्साह नहीं है बल्कि कर्तव्य पालन હીં ઔપચારિı પ્રશિત હૈં તહ પ્રતિથિ ને લુચ્છ્વાોમ તત્વ નહીં પૂછતી પરİસ્તા વિશ્ય ફાતી હૈ। હસતે પ્રશ્નનો ! સંક્ષિપ્ત ર ડેલી હૈ बचपन की बातूनी चंचल लड़की शादी के दो वर्षों बाद इतनी बदल जाती है कि वह चुप रहने लगती है उसका व्यक्तित्व बुझ-सा गया है। अतिथि का आना उस घर के ऊपर कोई काली छाया मंडराती हुई लगती है।

● मालती और अतिथि के बीच के मौन को मालती का बच्चा सोते-सोत रोने से तोड़ता है वह बच्चे को संभालने के कर्तव्य का पालन • करने के लिए दूसरे कमरे में चली जाती है अतिथि एक तीस्ता प्रश्न पूछता है तो उसका उत्तर वह एक प्रश्नवाचक हूं से देती है मानो उसके पास कहने के लिए कुछ नहीं है यह आवरण उसकी उदासी ऊचाहट और यांत्रिक जीवन की यंत्रणा को प्रकट करता है दो वर्षों के वैवाहिक जीवन के बाद नारी कितनी बदल जाती है। वह कहानी के इस आग में प्रकट हो जाती है कहानी के इस भाग में मालती कर्तव्य पालन की औपचारिकता पूरी करती प्रतीत होती हैं। पर से कर्तव्यपालन में कोई उत्साह नहीं है जिसमें उसके निराश उदारा यांत्रिक जीवन की ओर संकेत करता है अतिथि से हुए उसके संवादों में भी एक उत्साहीनता और ठंढापन है। उसका व्यवहार उसकी द्वंदग्रस्त मनोदशा का सूचक है इस प्रकार कहानीकार बाह्य स्थिति और मनः स्थिति के संप्लिष्ट अंकन में सफल हुआ है ।

रोज कहानी के दूसरे भाग में मालती का मानसिक स्थिति बीते बचपन की स्मृतियों में खोने से एक असंज्ञा की स्थिति शारीरिक जड़ता और थकान का कुशल अंकन हुआ है साथ ही उसके पति के यांत्रिक जीवन पानी सब्जी नौकर आदि के अभावों का भी उल्लेख हुआ है। मालती पति के खाने के बाद दोपहर को तीन बजे और रात को दस बजे ही भोजन करेगी और यह रोज का क्रम हैं बच्चे का रोला मालती का देर से पूजन करना पानी का नियमित रूप से वक्त पर न आना पति का सवेरे डिसपेंसरी जाकर दोपहर को लौटना और शाम को फिर डिस्पेंसरी में रोगियों को देखना यह सब कुछ मानती के जीवन की सूचना देता है। अथवा यह बताता है कि समय काटना उसके लिए कठिन हो रहा है। इस भाग में मालती महेश्वर अतिथि के बहुत कम क्रियाकलापों और अत्यंत संक्षिप्त संवादों के अंकन से पात्रों की बदलती मानसिक स्थितियों को प्रस्तुत किया गया है। जिससे यही लगता है कि लेखक का ध्यान बाह्य दृश्य के बजाय अंतदृश्य पर अधिक है कहानी के तीसरे भाग में महेश्वर की आंतरिक दिनचर्या अस्पताल के एक जैसे ढर्रे रोगियों की टांग काटने या उसके मरने के जित्य चिकित्सा कर्म का पता चलता है। पर अज्ञ का ध्यान मालती के जीवन संघर्ष की चित्रित करने पर केंद्रित है। महेश्वर और अतिथि बाहर पलंग पर बैठकर कब साफ करते रहे और चांदनी रात का आनंद लेते रहे पर मालती घर के अंदर बर्तन मांजती रही क्योंकि यही उसकी नियति थी। बच्चे का बार-बार पलंग से नीचे गिर पड़ना और उस पर मालती की चिड़चिड़ी प्रतिक्रिया मानों पूछती हैं वह बच्चे को • संभाले या वर्तनमले। यह काम नारी को ही क्यों करना पड़ता है क्या यही उसकी नियति है इस अचानक प्रकट होने वाली जीवनेच्छा के •बावजूद कहानी का मुख्य स्वर चुनौती के बजाय समझौते का और मालती की सहनशीलता का है इसमें नारी जीवन की विषम स्थितियों का कुशल अंकन हुआ है। बच्चे की चोटें भी मामूली बात है। क्योंकि वह रोज इन चोटों को सहती रहती है रोज की ध्वनि कहानी में निरंतर गूंजती रहती है।

कहानी का अंत ग्यारह बजने की घंटा ध्वनि से होता है और तब मालती करुण स्वर में कहती हैं ग्यारह बज गए उसका घंटा गिनना उसके जीवन की निराशा और करुण स्थिति को प्रकट करता है। कहानी एक रोचक मोड़ पर वहां पहुंचती है। जहां महेश्वर अपनी पत्नी को आग धोकर लाने का आदेश देता है। आम एक अखबार के टुकड़े में लिपटे हैं। जब वह अस्तवार का टुकड़ा देखती है तो उसे पढ़ने में तल्लीन हो जाती हैं। उसके घर में अखबार का भी अभाव है वह कबाड़ के लिए तरसती है इसलिए अखबार का टुकड़ा हाथ में आने पर वह उसे पढ़ने में तल्लीन हो जाती है। यह इस बात का सूचक हैं कि अपनी सीमित दुनिया से बाहर निकलकर वह उसके आस-पास की व्यापक दुनिया से जुड़ना चाहती हैं। जीवन के जनता के बीच भी उसमें कुछ जिज्ञासा बनी है जो आपकी जिजीविषा की सूचक है मालती की जिजीविषा के लक्षण कहानी में यदा-कदा प्रकट होते हैं पर कहानी का मुख्य स्वर चुनौती का नहीं है बल्कि समझौते और परिस्थितियों के प्रति सहनशीलता का है जो उसके मूल में उसकी पति के प्रतिनिष्ठा और कर्तव्य परायणता को अभिव्यक्त करता है वह श्री परंपरागत सोच की शिकार है जो इसमें विश्वास करती है कि उसके जीवन का सच है इसमें इतर वह सोच भी नहीं सकती। जिस प्रकार से समाज के सरोकारों से वह कटी हुई है उसे रोज का कबाड़ तक सीमित नहीं है जिससे अपने ऊबाउपन जीवन से दो क्षण निकालने कर बाहर की दुनिया में क्या कुछ घटित हो रहा है उससे जुड़ने का मौका मिल सके ऐसी स्थिति में एक आम महिला से अपने अस्तित्व के प्रति चिंतित होकर सोचते उसके लिए संघर्ष करने अथवा ऊबाऊ जीवन से बढ़ने हेतु जीवन में कुछ परिवर्तन लाने की उम्मीद ही नहीं बचती।

सब्जेक्टिव –

1. मालती के घर का वातावरण आपको कैसा लगा अपने शब्दों में लिखिए?

उत्तर- कहानी के प्रथम भाग में ही मालती के यंत्रवत् जीवन की झलक मिल जाती है जब वह अतिथि का स्वागत केवल औपचारिक ढंग से करती है अतिथि उसके दूर के रिश्ते का भाई है जिसके साथ वह बचपन में खूब खेलती थी। पर वर्षों बाद आए भाई का स्वागत उत्साह पूर्वक नहीं कर पाती बल्कि जीवन की अन्य औपचारिकताओं की तरह एक और औपचारिकता निभा रही है हम देखते हैं कि मालती अतिथि से कुछ नहीं पूछती बल्कि उसके प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर ही देती है उसमें अतिथि की कुशलता या उसके वहां आने का उद्देश्य या अन्य समाचारों के बारे में जानने की कोई उत्सुकता नहीं दिखती। यदि पहले कोई उत्सुकता उत्साह जिज्ञासा या किसी बात के लिए उत्कंठा भी थी तो वह दो वर्षों के वैवाहिक जीवन के बाद शेष नहीं रही विगत दो वर्षो में उसका व्यक्तित्व बुझ सा गया है जिसे उसका रिश्ते का भाई भांप लेता है अतः मालती का मौन उसके दंभ का या अवहेलना का सूचक नहीं बल्कि उसके वह वैवाहिक जीवन की उत्साहहीनता नीरसता और यांत्रिकता का ही सूचक है। यह एक विवाहित नारी के अभाव में घूमते हुए पंगु बने व्यक्तित्व की त्रासदी का चित्रण है एक नारी के सीमित घरेलू परिवेश में बीतते उबाऊ जीवन का चित्रण है।

2. दोपहर में उस सूने आंगन में पैर रखते ही मुझे ऐसा जान पड़ा मानो उस पर किसी शाप की छाया मंडरा रही हो, यह कैसी शाप की छाया है वर्णन कीजिए?

उत्तर- जब लेखक दोपहर के समय मालती के घर पहुंचा तो उसे ऐसा प्रतीत हुआ कि मानो वहां किसी शाप की छाया मंडरा रही हो। यह शाप की छाया उस घर में रहने वाले लोगों के बीच अपनेपन तथा प्रेम भाव का न होना थी वहां रहने वाला परिवार एक ऊब भरी नीरस और निर्जीव जिंदगी जी रहा था। मां को अपने इकलौते बेटे के चोट लगने या उसके गिरने से कोई पीड़ा नहीं होती है इसी प्रकार एक पति को अपने कामकाज से इतनी भी फुर्सत नहीं है कि वह अपनी पत्नी के साथ कुछ समय बिता सकें इस कारण उसे एकांकी जीवन जीना पड़ता है इस प्रकार

यह शाप पति पत्नी और बच्चे तीनों को ही भुगतना पड़ता है। 3 .लेखक और मालती के संबंध का परिचय पाठ के आधार पर दें?

 उत्तर- लेखक और मालती के बीच एक घनिष्ठ संबंध है मालती लेखक की दूर के रिश्ते की बहन है लेकिन दोनों के बीच मित्र जैसा संबंध है दोनों बचपन में इकट्ठे खेले लड़े और पिटे हैं। दोनों की पढ़ाई भी साथ ही हुई थी उनका रिश्ता सदा मित्रतापूर्ण रहा था वह कभी भाई बहन या बड़े छोटे के बंधन में नहीं बंधे थे।

4. गैंग्रीन क्या है ?

उत्तर- गैंग्रीन एक खतरनाक रोग है पहाड़ियों पर रहने वाले व्यक्तियों के पैरों में कांटा चुभना आम बात है। परंतु कांटा चुभने के बाद बहुत दिनों तक छोड़ देने के बाद व्यक्ति का पांव जख्म 

का शक्ल अख्तियार कर लेता है जिसका इलाज मात्र पांव का काटना ही है कभी-कभी तो इस रोग से पीड़ित रोगी की मृत्यु तक हो जाती है ।

> ऑब्जेक्टिव

1. रोज शीर्षक कहानी के कहानीकार कौन है ?

उत्तर- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय

2. अज्ञेय जी का जन्म कब और कहां हुआ था ? उत्तर- 7 मार्च 1911 कसेया कुशीनगर उत्तर प्रदेश

3. अज्ञेय जी का निधन कब हुआ था?

उत्तर- 4 अप्रैल 1987

4. अज्ञेय जी का मूल निवास कहां था ?

करपुर पंजाब

5. रोज शीर्षक कहानी के पूर्व नाम क्या था ?

उत्तर- गैंग्रीन

6. किस पाठ में आया है दोपहर में उस सूने आंगन में पैर रखते ही मुझे ऐसा जान पड़ा, मानो उस पर किसी शाम की छाया मंडरा रही हो?

उत्तर- रोज

7. किस पाठ में आया है तीन बज गए चार बज गए ग्यारह बज गए ?

उत्तर- रोज

8. विस्मय शब्द का अर्थ बताएं?

उत्तर- अचरज

9. वागता शब्द का अर्थ बताएं ?

उत्तर- विपरीतता

10. अकथ्य शब्द का अर्थ बताएं?

उत्तर- जिसे कहा ना जा सके

11. अज्ञेय मूलतः क्या है ?

उत्तर- कहानीकार

12. अज्ञेय जी ने इंटर कहां से किया था ?

उत्तर- मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से

 

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12 Hindi 100 marks Test important objective Question

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जब किसी वस्तु को आवेशित किया जाता है, तो उसका द्रव्यमान –

 

2 / 17

किसे ‘लोकनायकू’ के नाम से जाना जाता है ?

 

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जयशंकर प्रसाद की सफलतम नाट्यकृति है

 

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तुमुल कोलाहल कलह में’ शीर्षक कविता के रचयिता कौन है ?

 

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मनुष्य का शरीर क्यों थक जाता है ?

 

8 / 17

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How Free Is The Press has been Written By

10 / 17

कामायनी’ के रचयिता कौन है ?

 

11 / 17

उर्वशी’ किसकी रचना है ?

 

12 / 17

संर्पूण क्रांति का नारा किसने दिया था ?

 

13 / 17

जयप्रकाश नारायण ने ‘संपूर्ण क्रांति’ वाला ऐतिहासिक भाषण कहाँ और कब दिया था ?

 

14 / 17

दिनकरजी किसलिए प्रसिद्ध है ?

 

15 / 17

ध्रुवस्वामिनी’ कैसी कृति है ?

 

16 / 17

Ideas that have helped mankind

17 / 17

‘मैं उषा की ज्योति’ में कौन-सा अलंकार है ?

 

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