Class 12th, hindi पाठ- 12 तिरिछ SUBJECTIVE- प्रश्न उत्तर, inter hindi subjective- question answer,

Class 12th, hindi पाठ- 12 तिरिछ SUBJECTIVE- प्रश्न उत्तर, inter hindi subjective- question answer,

आज के इस आर्टिकल में हम लोग जाने वाले हैं कक्षा 12 हिंदी पाठ 12 तिरिछ का सभी सब्जेक्टिव महत्वपूर्ण प्रश्न और उसका उत्तर अगर आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़ लेते हैं. तो किताब पढ़ने की आपको जरूरत ही नहीं पड़ेगी  और सारे के सारे प्रश्न इससे ही आपके परीक्षा में पूछा भी जाएगा 

Latest updatesClick Here

 

Class 12th, hindi पाठ- 12 तिरिछ SUBJECTIVE- प्रश्न उत्तर, inter hindi subjective- question answer,

 

12. तिरिछ [ उदय प्रकाश ] कहानी

पाठ के सारांश

तिरिछ कहानी का कथानक लेखक के पिताजी से संबंधित है। इसका संबंध लेखक के सपने से भी है। इसके अतिरिक्त कहानी में शहर के प्रति जो जन्मजात भय होता है। उसकी विवेचना भी इस कहानी में की गई है गांव एवं शहर की जीवन शैली का इसमें तुलनात्मक अध्ययन अत्यंत सफलतापूर्वक किया गया है। गांव की सादगी तथा शहर का कृत्रिम आचरण इसमें प्रतिबिंबित होता है।

लेखक के पिताजी जो पचपन साल के वयोवृद्ध व्यक्ति हैं। उनकी विशिष्ट जीवन शैली हैं वह मितभाषी हैं उनका कम बोलना हमेशा मुंह में तंबाकू का भरा रहना भी हैं। बच्चे उनका आदर करते थे तथा उनकी कम बोलने की आदत के कारण सहमे भी रहते थे। घर की आर्थिक स्थिति संतोषजनक नहीं थी। एक दिन शाम को जब वे टहलने निकले तो एक विषैले जंतु तिरिछ ने उन्हें काट लिया| उसका विष सांप की तरह जहरीला तथा प्राणघातक होता है। रात में झाड़- फूंक तथा इलाज चला दूसरे दिन सुबह उन्हें शहर की कचहरी में मुकदमे की तारीख के क्रम में जाना था। घर से वे गांव के ही ट्रैक्टर पर सवार होकर शहर की ओर रवाना हुए। तिरिछ द्वारा काटे जाने की घटना का वर्णन ट्रैक्टर पर सवार अन्य लोगों से करते हैं। ट्रैक्टर पर सवार उनके सहयात्री पंडित रामऔतार ज्योतिषी के अलावा वैद्य भी थे। उन्होंने रास्ते में ट्रैक्टर रोककर उनका उपचार किया धतूरे के बीज को पीसकर उबालकर काढ़ा बनाकर उन्हें पिलाया गया। ट्रैक्टर आगे बढ़ा तथा शहर पहुंचकर लेखक के पिताजी ट्रैक्टर से उतरकर कचहरी के लिए रवाना हुए यह समाचार पंडित रामऔतार ने गांव आकर बताया। क्योंकि वे (लेखक के बाबूजी) शाम को घर नहीं लौटे थे विभिन्न स्रोतों से उनके विषय में निम्नांकित जानकारी प्राप्त हुई। ट्रैक्टर से उतरते समय उनके सिर में चक्कर आ रहा था तथा कंठ सूख रहा था। गांव के मास्टर नंदलाल जो उनके साथ थे उन्होंने बताया इस बीच में स्टेट बँक की देशबंधु मार्ग स्थित शाखा सर्किट हाउस के निकट वाले थाने में क्रमशः गए उक्त स्थानों ने उन्हें अपराधी प्रवृत्ति तथा असामाजिक तत्व समझकर काफी पिटाई की गई और वे लहू-लुहान हो गए। अंत में वे इतवारी कॉलोनी गए वहां उनको कहते सुना गया में रामस्वरूप प्रसाद एक्स स्कूल हेडमास्टर एंड विलेज हेड ऑफ…… ग्राम बकेली….. किंतु वहां उन्हें पागल समझ कर कॉलोनी के छोटे बड़े लड़कों ने उन पर पत्थर बरसा कर रही सही कसर निकाल दिया उनका सारा शरीर लहू-लुहान हो गया। घिसते-पीटते लगभग शाम छः बजे सिविल लाइंस की सड़क की पटरियों पर बनी मोचियों की दुकान में से गणेशवा मोची की दुकान के अंदर चले गए। गणेशवा मोची उनके बगल के गांव का रहने वाला था। उसने उन्हें पहचाना। कुछ ही देर में उनकी मृत्यु हो गई।

इस प्रकार इस कहानी के द्वारा लेखक ने संकेतिक भाषा शैली में आधुनिक शहरों में विकृतियों एवं विसंगतियों पर कटाक्ष किया है दूषित मानसिकता से ग्रसित शहरी जीवन शैली तिरिछ की तरह भयानक तथा विषैली हो गई है वास्तविकता की तो हमें गए बगैर हम दरिंदगी तथा अमानवीय कृत्यों पर उतर आते हैं। लेखक का मन्तव्य (उद्देश्य) निम्नांकित पंक्तियों से स्पष्ट हो जाता है। इस समय पिताजी को कोई दर्द महसूस नहीं होता रहा होगा। क्योंकि वह अच्छी तरह से पूरी तार्किकता और गहराई के साथ विश्वास करने लग गए होंगे कि यह सब सपना है। और जैसे ही वह जागेंगे। सब कुछ ठीक हो जाएगा लेखक पुनः कहता है इसके पीछे पहली वजह तो यही थी कि उन्हें यह बहुत अच्छी तरह से पता था कि वह ठेले सपने की भीतर जा रहे हैं और इससे किसी को कोई चोट नहीं आएगी इससे • कहानी में लेखक का संदेश स्पष्ट परिलक्षित होता है।

 

सब्जेक्टिव-

1. लेखक के पिताजी के चरित्र का वर्णन अपने शब्दों में करें?

उत्तर- लेखक उदय प्रकाश के पिता अंतमुर्खी और ग्रामीण संवेदना के व्यक्ति हैं। उनकी मितभाषिता व गंभीरता उन्हें एक रहस्य पुरुष की छवि प्रदान करती है उनकी संतान कम से कम उन्हें इसी रूप में देखती है पिता शहर से आतंकित है भरसक वे शहर जाने से कतराते हैं। • अपनी सहजता गंभीरता और गंवईपन के बावजूद बच्चों के लिए वे अभ्यारण हैं। आधुनिकता के उपकरण सहज जीवन बोध पर किस तरह हावी हो गये हैं। इसका पता तिरिछ कहानी में मिलता है। लेखक के पिता अपने स्वभाव के अनुरूप स्वयं ही लाचार और दयनीय बन जाते हैं आज की जटिल जीवन की स्थितियों में सहजता कितनी खतरनाक हो सकती है। लेखक के पिता इससे •अनभिज्ञ है। अस्तित्व की रक्षा के लिए दृढ़ता आवश्यक है। लेखक के पिता की सहजता उन्हें किसी तरह के प्रतिरोध करने से रोकती है। उन्हें जब धतूरे का काढ़ा दिया जाता है तो वे उसे स्वीकार कर लेते हैं। शायद यह जानते हुए भी कि धतूरा घातक नशीला पदार्थ होता है। लेखक के पिता एक प्रतीकात्मक भूमिका अदा करते हैं वह कहानीकार के हाथ में एक औजार के रूप में प्रयुक्त हुए हैं जिसके माध्यम से वह न्याय व्यवस्था प्रशासन व्यवस्था और आर्थिक व्यवस्था • अमानवीयता को उद्घाटित करता है। लेखक के पिता नई परिस्थितियों और जीवन मूल्यों से परिचित नहीं लगते हैं अतः वे इससे आक्रांत होते हैं। वे मितभाषी व गंभीर तो है पर हढ़ नहीं है। उनके स्वभाव में आक्रामकता नहीं है शहर में उनके साथ जो कुछ भी अमानवीय व्यवहार होता है। इससे उनकी दयनियता ही प्रकट होती है।

2. तिरिछ क्या है कहानी में यह किसका प्रतीक है? उत्तर- तिरिछ एक बेहद जहरीला जीव है। जिसके काटने से व्यक्ति का बचना नामुमकिन हो • जाता है। यह जैसे ही आदमी को काटता है वैसे ही वहां से भाग कर किसी जगह पेशाब करता है और उस पेशाब में लेट जाता है अगर कुछ ऐसा कर दे तो आदमी बच नहीं सकता वहीं तिरछ काटने के लिए तभी दौड़ता है जब उसे नजर टकरा जाए कहानी में तिरिछ का प्रतीक है। जिस भीषण यथार्थ के शिकार बाबूजी बनते हैं बेटे के सपने में तिरिछ बनकर प्रकट होता है।

3. तिरिछ को जलाने गए लेखक को पूरा जंगल परिचित लगता है क्यों?

उत्तर- लेखक को पूरा जंगल परिचित इसलिए लगता है कि इसी जगह से कई बार सपने में तिरिछ से बचने के लिए भागा था लेखक गौर से हर तरफ देखता है कि और उसने सपने के बाद शानू को बताया भी था कि एक संकरा-सा नाला इस जगह बहता है। नाले के ऊपर जहां बड़ी-बड़ी चट्टानें है वही कीकर का एक बहुत पुराना पेड़ है। जिस पर बड़े मधुमक्खी के छत्ते है लेखक को एक भूरा रंग का चट्टान मिलता है जो बरसात भर नाले के पानी में आधी दबी रहती थी लेखक को उसी जगह तिरिछ की लाश भी मिल जाती है। सपने में आई बातों का सच होना लेखक को जंगल से परिचित कराता है इसलिए लेखक को जंगल परिचित लगता है क्योंकि इन सब चीजों को वह सपने में देख चुका था।

 

14. लेखक को अब तिरिछ का सपना नहीं आता क्यों?

उत्तर- लेखक उदय प्रकाश को अब तिरिछ का सपना नहीं आने का कारण लेखक को सपना सत्य प्रतीत होना था। परंतु अब लेखक विश्वास करता है कि यह सब सपना है अभी आप खोलते ही सब ठीक हो जाएगा।

इससे पहले लेखक को सपने की बात प्रचलित विश्वास सपने सच हुआ करते सत्य प्रतीत होती थी। लेखक फैंटेसी में जीता था परंतु अनुभव से यह जान गया कि सपना बस सपना भर है। लेखक ने जटिल यथार्थ को सफलतापूर्वक अभिव्यक्त करने के लिए दुःस्वपन का प्रयोग किया हैं। परंतु जैसे ही लेखक का भ्रम टूटता है तो उसे डर नहीं लगता और तिरिछ के सपने नहीं आते।

ऑब्जेक्टिव-

1. लेखक के पिता जी अपना परिचय किस नाम से देते हैं?

उत्तर- रामस्वास्थ प्रसाद

2. लेखक के पिता जी कितने साल के थे?

उत्तर- 55 साल

3. तिरिछ क्या है ?

उत्तर- विषखापर

4. लेखक के साथ प्राय: कौन रहता था ?

उत्तर- थानू

5. लेखक के पिताजी को शहर किस लिए जाना था ?

उत्तर- अदालत में पेशी के लिए

6. लेखक के पिताजी को शहर किससे जाना पड़ा था ?

उत्तर- ट्रैक्टर से

7. पंडित राम औतार क्या थे ?

उत्तर- वैध

8. थानू लेखक का क्या लगता था ?

त्तर- दोस्त

9. लेखक के पिताजी को अंतिम बार किसने देखा और पहचाना था ?

उत्तर- मोची गनेशवा

10. तिरिछ के काटने के कितने घंटे के बाद आदमी मर जाता है ?

उत्तर- 24 घंटे

 

Class 12th, hindi पाठ- 12 तिरिछ SUBJECTIVE- प्रश्न उत्तर, inter hindi subjective- question answer,

 

 

12th Hindi vvi QuestionClick Here
Model paperClick Here
Important questionClick  Here
12th All subjectClick Here

 

 

Important Link

Bseb official Link-Click Here
Home pageClick Here
Latest newsClick Here
SyllabussClick Here
What is IAS? Click Here
Online processClick Here
 

10th 12th New Batch

 

Click Here

 

Others Important Link– 
9th All QuestionClick Here
10th All QuestionClick Here
11th All QuestionClick Here
IAS PreparationClick Here
12th All QuestionClick Here

 

 

125
Created on By Madhav Ncert Classes

12 Hindi 100 marks Test important objective Question

1 / 17

Ideas that have helped mankind

2 / 17

मनुष्य का शरीर क्यों थक जाता है ?

 

3 / 17

जब किसी वस्तु को आवेशित किया जाता है, तो उसका द्रव्यमान –

 

4 / 17

The Earth🌎 has beenwritten by

5 / 17

ध्रुवस्वामिनी’ कैसी कृति है ?

 

6 / 17

उर्वशी’ किसकी रचना है ?

 

7 / 17

जयप्रकाश नारायण ने ‘संपूर्ण क्रांति’ वाला ऐतिहासिक भाषण कहाँ और कब दिया था ?

 

8 / 17

‘मैं उषा की ज्योति’ में कौन-सा अलंकार है ?

 

9 / 17

संर्पूण क्रांति का नारा किसने दिया था ?

 

10 / 17

किसे ‘लोकनायकू’ के नाम से जाना जाता है ?

 

11 / 17

जयशंकर प्रसाद की सफलतम नाट्यकृति है

 

12 / 17

तुमुल कोलाहल कलह में’ शीर्षक कविता के रचयिता कौन है ?

 

13 / 17

कामायनी’ के रचयिता कौन है ?

 

14 / 17

How Free Is The Press has been Written By

15 / 17

The Artist..has been written by

16 / 17

Indian through a travellers eye has been written by

17 / 17

दिनकरजी किसलिए प्रसिद्ध है ?

 

Your result is being prepared by Madhav Sir.

Your score is

The average score is 53%

0%

 

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top