Class 12th, hindi पाठ- 11 प्यारे नन्हे बेटे को ( विनोद कुमार शुक्ल) SUBJECTIVE- प्रश्न उत्तर, inter hindi subjective- question answer,

Class 12th, hindi पाठ- 11 प्यारे नन्हे बेटे को ( विनोद कुमार शुक्ल) SUBJECTIVE- प्रश्न उत्तर, inter hindi subjective- question answer,

 

 

Class 12th, hindi पाठ- 11 प्यारे नन्हे बेटे को ( विनोद कुमार शुक्ल) SUBJECTIVE- प्रश्न उत्तर, inter hindi subjective- question answer,

 

11. हार जीत अशोक बाजपेयी

कविता का सारांश

प्यारे नन्हे बेटे को शीर्षक कविता का नायक भिलाई, छत्तीसगढ़ का रहनेवाला है। अपने प्यारे नन्हे बेटे को कंधे पर बैठाए अपनी नन्ही बिटिया से जो घर के भीतर बैठी हुई है। पूछता है कि बदलाव आसपास कहां कहां लोहा है । वह अनुमान करता है कि उसकी नन्ही बिटिया उसके प्रश्न का उत्तर अवश्य देगी। वह बतलाएगी कि चिमटा कलछुल कड़ाही तथा जंजीर में लोहा है। वह यह भी कहेगी कि दरवाजे के सांकल कब्जे, सिटकिनी तथा दरवाजे में धंसे हुए पेंच के अंदर भी लोहा है। उक्त बातें वह पूछने पर तत्काली कहेगी। उसे यह भी याद आएगा की लकड़ी के दो खंभों पर बांधा हुआ तार भी लोहे से निर्मित हैं जिस पर उसके बड़े भाई की गीली चड्डी है। वह यह कहना भी नहीं भूलेगी की साइकिल और सेफ्टीपिन में भी लोहा है ।

उस दुबली-पतली किंतु चतुर नन्ही बिटिया को कवि शीघ्रातिशीध बतला देना चाहता है कि इसके अतिरिक्त अन्य किन-किन सामग्रियों में लोहा है जिससे उसे इसकी पूरी जानकारी मिल जाए कवि उसे समझाना चाहता है कि फाबड़ा, कुदाली, टंगिया, बसुला, खुरपी, बैलगाड़ी के चक्को का पट्टा तथा बैलों के गले में कांसे की घंटी के अंदर की गोली में लोहा है ।

कवि की पत्नी उसे विस्तार से बतलाएगी की बाल्टी कुएं में लगी लोहे की घिरनी हंसिया, और चाकू मैं भी लोहा है । भिलाई के लोहे की खानों में जगह-जगह लोहे की टीले हैं। इस प्रकार कवि का विचार है कि वह समस्त परिवार के साथ मिलकर तथा सोच विचार कर लोहा की खोज करेगा संपूर्ण घटनाक्रम को तह तक जाकर वह पता लगा पाएगा कि हर मेहनतकश आदमी लोहा है।

कवि यह मानता है कि प्रत्येक दबी-सतायी, बोझ उठाने वाली औरत लोहा है। लोहा कदम-कदम पर और हर एक गृहस्थी में सर्वव्याप्त हैं । कवि इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि हर मेहनतकश व्यक्ति लोहा है तथा हर दबी कुचली सतायी हुई तथा बोझ उठाने वाली औरत लोहा है कवि का कहना है।

कि हर वो आदमी, जो मेहनतकश लोहा है, हर वो औरत, दबी सतायी बोझ उठानेवाली, लोहा।

सब्जेक्टिव-

1. बिटिया से क्या सवाल किया गया हैं ?

उत्तर- बिटिया से उसके पिता द्वारा सवाल किया गया है कि बतलाओ आसपास लोहा कहां है।

2. बिटिया कहां कहां लोहा पहचान पाती है?

उत्तर- बिटिया अपने आसपास उपस्थित लोहे को पहचान पाती है उसके आसपास चिमटा करछुल अंगीठी संड़सी दरवाजे की सांकल कच्चे उसमें लगी कीलें आदि है। जिनमें वह लोहे को पहचानती हैं।

3. कवि लोहे की पहचान किस रूप में कराते हैं? यही पहचान उनकी पत्नी किस रूप में कराती है

? उत्तर- कवि लोहे की पहचान अपने आसपास की वस्तुओं के माध्यम से कराते हैं उनके आसपास फावड़ा कुदाली टंगिया बसूला खुरपी बैलगाड़ी के पहिए पर चढ़ा पट्टा बैलों के गले में बंधी घंटे के अंदर की गोली आदि वस्तुएं हैं जिनके द्वारा वो लोहे की पहचान कराते हैं।

यही पहचान उनकी पत्नी अपने आसपास उपलब्ध वस्तुओं से कराती है। वह अपने आसपास उपलब्ध बाल्टी कुएं की घिरनी छाते की डंडी उसके पुर्जे हंसिया और चाकू के माध्यम से लोहे की पहचान कराती है।

4. लोहा क्या है इसकी खोज क्यों की जा रही है?

उत्तर- पाठ में वर्णित भिलाई बलाडिला छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित है। यह स्थान लोहे की खदानों के लिए प्रसिद्ध है इस आधार पर कह सकते हैं कि लोहा एक धातु है जो अपनी मजबूती बहुउपयोगिता और सर्वव्यापकता के लिए प्रसिद्ध है यह हमारी जिंदगी और संबंधों में धूल मिल गया है। यह मनुष्य का आधार है इसलिए इसकी खोज की जा रही है।

5. अर्थ स्पष्ट करें ?

की हर वो आदमी,

जो मेहनतकश लोहा है,

हर वो औरत,

दवी सतायी,

बोझ उठाने वाली लोहा

उत्तर- प्रस्तुत पंक्ति प्यारे नन्हे बेटे को कविता से ली गई हैं जिसके कवि विनोद कुमार शुक्ला जी है वे इस पंक्ति के माध्यम से कहना चाहते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति जो श्रम-साध्य कार्य करता है। कठोर परिश्रम जिसके जीवन का लक्ष्य है वह लोहे के समान शक्तिशाली तथा ऊर्जावान होता है। उसी प्रकार बोझ उठाने वाली दमन तथा शोषण की शिकार महिला भी लोहे के समान शक्ति तथा ऊर्जा से संपन्न होती है।

6. बिटिया को पिता सिखलाते हैं तो मां समझाती है ऐसा क्यों?

उत्तर- इस कविता में बिटिया को उसके पिता लोहा के विषय में सिखलाते हैं। वह उसकी बुद्धि का परीक्षा लेते हुए उससे पूछते हैं कि उसके आसपास लोहा कहां कहां है नन्ही बिटिया आत्मविश्वास के साथ उनके प्रश्नों का उत्तर सहज भाव से देती हैं। पुनः मां उससे वही प्रश्न पूछते हुए लोहे के विषय में समझाती है तथा कुछ अन्य जानकारी देती है।

इस प्रसंग में पिता उसे सिखलाते हैं जबकि मां उसे इस विषय में समझाती हैं दोनों की भूमिका में स्पष्ट अंतर है इसका कारण यह है कि जो प्रायः देखा जाता है कि पिता द्वारा अपने बच्चों को सिखाया जाता है किसी कार्य को करने की सीख दी जाती है। अभ्यास कराया जाता है मां द्वारा उन्हें स्नेह भाव से किसी कार्य के लिए समझाया जाता है।

ऑब्जेक्टिव

1. प्यारे नन्हे बेटे को शीर्षक कविता के रचयिता कौन है?

उत्तर- विनोद कुमार शुक्ल

2. विनोद कुमार शुक्ल का जन्म कब हुआ था?

उत्तर- 1 जनवरी 1937

3. विनोद कुमार शुक्ल का जन्म कहां हुआ था ? 4. उत्तर- राजनंदगांव छत्तीसगढ़

15. विनोद कुमार शुक्ल का निवास स्थान कहां है?

उत्तर- रायपुर छत्तीसगढ़

 

 

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