12th Geography Chapeter -1 मानव भूगोल important subjective- question
इंटर आर्ट्स में geography का कुछ महत्वपूर्ण subjective- प्रश्न जो हर वर्ष बिहार बोर्ड इंटर बोर्ड परीक्षा में पूछा जाता है ,और इससे बाहर अभी तक नहीं पूछा गया है. उम्मीद है , आगे भी इसी से पूछा जाएगा । अगर आप लोग भी बेहतर से बेहतर अंक लाना चाहते हैं । तो इन सभी प्रश्नों को एक बार अवश्य रूप से देखें, जो भी प्रश्न नीचे दिया गया है। यह सभी गैस प्रश्न है , यानि इससे बाहर आपके एग्जाम प्रश्न नहीं पूछे जाएंगे। इस आधार पर है , तो इसे एक बार अवश्य ध्यान से और सीरियसली देखें .
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12th Geography Chapeter -1 मानव भूगोल important subjective- question
• 1. मानव भूगोल प्रकृति एवं विषय-क्षेत्र
Q.1. मानव भूगोल को परिभाषित करें।
Ans. भूगोल की प्रमुख शाखा के रूप में मानव भूगोल मानवीय तत्वों का अध्ययन करता है। मानव तथा पर्यावरण के पारस्परिक संबंधों का अध्ययन मानव भूगोल का केन्द्र-बिन्दु है।
भूगोलवेत्ता जीन बुंश के अनुसार जिस प्रकार अर्थशास्त्र का संबंध कीमतों से, भूगर्भशास्त्र का संबंध शैली से, वनस्पति विज्ञान का संबंध पौधों से, मानवाचार विज्ञान का संबंध जातियों से तथा इतिहास का समय से है, उसी प्रकार भूगोल का केन्द्र-बिन्दु स्थान है, जिसमें कहाँ और क्यों जैसे महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास किया जाता है।
Q.2. मानव भूगोल के विषय क्षेत्र पर टिप्पणी लिखिए।
Ans. अमेरिकी भूगोलवेत्ताओं फिंच और ट्रिवार्था ने मानव भूगोल की विषय-वस्तु को मुख्यत: दो भागों में बाँटा है- 1. भौतिक तथा प्राकृतिक पर्यावरण। 2. सांस्कृतिक अथवा मानव- निर्मित पर्यावरण |
1. भौतिक या प्राकृतिक पर्यावरण (Physical or Natural environment) : इसके लक्षण निम्नलिखित हैं- (i) इसके अन्तर्गत भौतिक लक्षण जैसे जलवायु, धरातलीय उच्चावच एवं अपवाह प्रणाली आदि का अध्ययन किया जाता है। (ii) प्राकृतिक संसाधन जैसे मृदा, खनिज, जल, वन एवं वन्य प्राणी आदि भी भौतिक पर्यावरण के अंग हैं।
2. सांस्कृतिक या मानव-निर्मित पर्यावरण (Cultural or Human made Enviro- nment) : इसके अन्तर्गत मानव-निर्मित पर्यावरण का बोध होता है। इसके लक्षण निम्न हैं- (i) मानव जनसंख्या, मानव बस्तियाँ तथा मानव व्यवसाय आदि आते हैं। (ii) विभिन्न उद्योग, कृषि पशुचारण, परिवहन, संचार आदि भी इसमें सम्मिलित होते हैं।
Q.3. मानव भूगोल की नियतिवाद अथवा, निश्चयवादी विचारधारा क्या है ?
[ Or, पर्यावरणीय निश्चयवाद की अवधारणा लिखें।
Ans. इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य के सभी कार्य पर्यावरण द्वारा निर्धारित होते हैं। मानव भूगोल में वातावरण तथा मानवीय क्रियाओं और गुणों के पारस्परिक संबंधों के वितरण और स्वरूप का अध्ययन होता है। इतिहास, संस्कृति, जीवन-स्तर सब पर्यावरण पर निर्भर करता है। इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य आरंभ में क्रियाशील प्राणी रहा है और उसके क्रियाकलापों का प्रभाव वातावरण पर पड़ता है। इस विचारधारा के समर्थक कुमारी सेंपल तथा एन्सवर्थ हटिंगटन है।
Q.4. मानव भूगोल की व्यवहारगत विचारधारा को परिभाषित करें।
Ans. व्यवहारगत विचारधारा का अध्ययन एक वैज्ञानिक उपागम है। इस विचारधारा का उद्भव 1970 के दशक में हुआ है। इस विचारधारा से मानव भूगोल के सामाजिक, राजनीतिक स्वरूप को जानने में सहायता मिलती है जिसके अन्तर्गत बाह्य प्रभावों (पर्यावरण प्रभावों) के प्रतिमानवीय प्रतिक्रिया या व्यवहार का मापन तथा विश्लेषण किया जाता है।
Q.5. नवनिश्चयवादी विचारधारा की विवेचना करें।
Ans. नवनिश्चयवादी विचारधारा निश्चयवाद और सम्भववाद के मध्य की विचारधारा है। ग्रिफिथ टेलर इस विचारधारा के प्रतिपादक हैं। उनके अनुसार मानव निश्चित सीमा तक ही पर्यावरण को प्रभावित कर सकता है। इसी प्रकार पर्यावरण मानव की बुद्धि व कुशलता को प्रभावित करने में एक सीमा तक सक्षम होता है। इसीलिए ग्रिफिथ टेलर ने निश्चयवाद का संशोधन करके उसे, ‘रुको और जाओ निश्चयवाद’ (Stop and Go Determinism) के रूप में ‘नव निश्चयवाद’ का स्वरूप प्रदान किया।
Q.6. मानव भूगोल की संभववादी विचारधारा क्या है ? Or, संभववाद को परिभाषित करें। इसकी विशेषताएँ बताएँ ।
Ans. इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य अपने पर्यावरण में परिवर्तन करने में समर्थ है, तथा वह प्रकृति प्रदत अनेक संभावनाओं को अपनी इच्छानुसार उपयोग कर सकता है। मानव भूगोल, पृथ्वी और मानव के पारस्परिक संबंधों का नया विचार देता है। इसमें पृथ्वी को नियंत्रित करने वाले भौतिक नियमों तथा पृथ्वी पर निवास करने वाले जीवों के पारस्परिक संबंधों का अधिक संयुक्त ज्ञान समाविष्ट होता है। इस विचारधारा के समर्थक लूसियन फेबवे तथा ब्लॉश थे। प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात् यह विचारधारा प्रसिद्ध हुई ।
मानव भूगोल में संभववाद उपागम की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(i) समय के साथ लोग अपने पर्यावरण और प्राकृतिक बलों को समझने लगते हैं। (ii) मनुष्य अपने सामाजिक और सांस्कृतिक विकास के साथ बेहतर और अधिक सक्षम प्रौद्योगिकी के प्रयोग का विकास करता है।
(iii) पर्यावरण से प्राप्त संसाधनों के द्वारा मानव संभावनाओं को जन्म देता है। (iv) मानवीय क्रियाओं की छाप सर्वत्र मिलती है, जैसे- उच्च भूमियों पर स्वास्थ्य, विश्राम- स्थल, विशाल नगरीय प्रकार, तटों पर पत्तन, महासागरीय तल पर समुद्री मार्ग, अन्तरिक्ष में उपग्रह आदि ।
Q.7. मानव भूगोल के मुख्य अंगों का वर्णन कीजिए।
Ans. मानव भूगोल के अध्ययन-क्षेत्र के पाँच मुख्य अंग हैं-
* किसी प्रदेश की जनसंख्या तथा उसकी क्षमता। उस प्रदेश के प्राकृतिक वातावरण द्वारा प्रदान किए गए संसाधन उस जनसंख्या द्वारा प्राकृतिक नों का प्रयोग करने से बना सांस्कृतिक प्रतिरूप। * प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक वाताव मानव वातावरण समायोजन का रूप, जिसे हम क्षेत्र संगठन वातावरण- समायोजन कालिक अनुक्रमण | परिक कार्यों के द्वारा कहते त
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