LNMU Part- 1/2/3 प्रैक्टिकल कॉपी kaise likhe ।। ऑनर्स में कितने कॉपी प्रैक्टिकल में लिखा जाता है

LNMU Part- 1/2/3 प्रैक्टिकल कॉपी kaise likhe ।। ऑनर्स में कितने कॉपी प्रैक्टिकल में लिखा जाता है

स्नातक तृतीय खंड प्रथम या द्वितीय खंड के छात्र प्रैक्टिकल कॉपी कैसे लिखें mजिससे  की फुल  नंबर मिल पाए। आज के आर्टिकल मे हम इसी टॉपिक पर बात करेंगे।

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LNMU Part- 1/2/3 प्रैक्टिकल कॉपी kaise likhe ।। ऑनर्स में कितने कॉपी प्रैक्टिकल में लिखा जाता है

किसी भी यूनिवर्सिटी का यदि प्रैक्टिकल कॉपी लिखना हो तो कुछ ऐसे ट्रिक्स होता है। जिसे यदि आप लोग करते हैं। तो आपको फुल में फुल अंक प्राप्त होगा । इसके लिए आपको इस आर्टिकल को पूरा पढ़ना चाहिए। साथ ही हम यह बात करेंगे कि यदि आप ऑनर्स पेपर  मे कोई भी सब्जेक्ट है । तो पार्ट वन ,पार्ट 2 पार्ट 3 में आपको कितनी कॉपी लिखना पड़ता है। इसके बारे में डिस्कस करेंगे । साथ ही और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी साझा करेंगे। इस आर्टिकल में यह काफी इंपोर्टेंट काफी महत्वपूर्ण आर्टिकल बनने वाला है । इसे आप अपने दोस्तों के साथ शेयर करके उन्हें भी जानकारी प्रदान करें आगे की टॉपिक को हम समझते हैं । 

 

क्या सभी यूनिवर्सिटी का प्रैक्टिकल कॉपी एक होता है;- जानकारी लेते चले तो बिहार समेत भारत के सभी यूनिवर्सिटी का कॉपी एक होता है। उदाहरण के लिए हम बताते चलें तो प्रैक्टिकल का अर्थ होता है। प्रायोगिक इसका हिंदी होता है । इसका अर्थ होता है कि आप जो प्रैक्टिकल करते हैं । वह किस तरह से करते हैं । इसके लिए आप एक साधारण कॉपी भी ले सकते हैं। जिसका पन्ना सफेद होना चाहिए । और एक बेहतर क्वालिटी का पन्ना होना चाहिए ।  इस पर भी आप प्रेक्टिकल लिख कर के अपने कॉलेज में विद्यालय में जमा कर सकते हैं। लेकिन इनका यूनिवर्सिटी के द्वारा अपना-अपना प्रैक्टिकल कॉपी जारी किया जाता है। और छात्र समझते हैं कि उसी कॉपी पर हमें देना है । तो ऐसी कोई भी बात नहीं है । आप चाहे तो एक साधारण कॉपी पर भी दे सकते हो । लेकिन कॉपी थोड़ा ब्रांडेड यानी एक अच्छा कंपनी का होना चाहिए। जिससे कि आपका कॉपी देखने में अच्छा लगे साथ ही प्रैक्टिकल के लिए एक वैध लगे ।  इस तरह से आप समझ गए होंगे । कि किसी भी यूनिवर्सिटी का प्रश्न किसी भी यूनिवर्सिटी का एक खास तौर पर उनका अपना प्रैक्टिकल कॉपी नहीं होता है। प्रैक्टिकल कॉपी सभी university का एक होता है। 

 

ग्रेजुएशन में ऑनर्स पेपर में कितने प्रैक्टिकल कॉपी बनाया जाता है;- बताते चलें कि ग्रेजुएशन में यानी स्नातक में ऑनर्स पेपर में एक कॉपी प्रैक्टिकल के लिए बनाया जाता है। उसी कॉपी में आप पेपर 1 & पेपर 2 का एक्सपेरिमेंट लिख सकते हैं । अगर आपकी इच्छा हो तो अलग-अलग भी बना सकते हो। लेकिन एक कॉपी भी आपका सही है। इसलिए इसमें घबराने की आवश्यकता नहीं है। आप चाहे तो एक ही प्रैक्टिकल कॉपी बना सकते हो लेकिन किताब आपका दो होगा इसमें भी आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है। दोनों में से आपको 5- 5 एक्सपेरिमेंट आपको कॉपी में लिखना है। ध्यान रखें जब आप कॉपी में प्रैक्टिकल लिखते हैं। तो उसमें चित्र वाला प्रैक्टिकल अवश्य लिखेंm जिससे कि आपको नंबर देने में टीचर वहां पर किसी तरह से  हिचकियाँ नहीं आये, और नंबर आपको अच्छा मिले। अब हम कुछ ट्रिक के बारे में बात करेंगे। 

 

फुल में फुल अंक लेने के लिए क्या ट्रिक अपनाना चाहिए;- प्रैक्टिकल में फुल नंबर लाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण यह होता है कि आप जिस कॉपी में प्रैक्टिकल लिखते हैं उसका पहला पेज को सावधानीपूर्वक और अच्छी से भरना चाहिए किसी भी प्रकार की गलत नहीं होना चाहिए इससे आपको बेहतर अंक मिलने की चांसेस बढ़ जाती है साथ ही प्रैक्टिकल कॉपी में जो भी फोटो लेवलिंग करें वह साफ साफ होना चाहिए स्पष्ट होना चाहिए इस प्रश्न को बेहतर नंबर  यानी फूल नंबर मिलेगा । इसके अलावा यदि आप प्रैक्टिकल वाले सर से काफी मिलाप रखते हैं तो आपको अच्छे अंक लाने से कोई नहीं रोक सकता है। 

फूल में फूल नंबर के लिए नीचे दिए गए क्लिक हेयर पर क्लिक करें पूरे वीडियो जरूर देखें

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