Class 12th Biology chapter-3 मानव जनन या प्रजनन सभी महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव प्रश्न उत्तर

Class 12th Biology chapter-3 मानव जनन या प्रजनन सभी महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव प्रश्न उत्तर

 

 

Introduction – मानव में लैंगिक जनन की क्रिया होती है मानव एक लिंगी परानी होते हैं अर्थात जननांग अलग-अलग शरीर में पाए जाते हैं इसमें रितु शराब चक्र पाए जाते हैं यह सजीव प्रजक होते हैं।

Human reproduction दो प्रकार के होते हैं

(1) नर जनन तंत्र
(2) मादा जनन तंत्र

(मानव जनन )-मनुष्य में होने वाले जनन की प्रक्रिया को मानव जनन कहते हैं

1 .नर जनन तंत्र किसे कहते हैं?
उत्तर -नर में पाए जाने वाले वे सभी अंग तथा अंग तंत्र तथा ग्रंथियां जो जनन की क्रिया में भाग लेते हैं उसे नर जनन तंत्र कहते हैं

= नर जनन तंत्र के निम्नलिखित भाग है
(1) बृषणकोश
(2) शुक्र जनन नलिकाएं
(3) शुक्र वाहिका
(4) यूरेथ्रा
(5) अधिबृसन

(6) बृषण .
7) पेनिस

=नर जनन तंत्र के कार्य को लिखे
उत्तर-नर जनन तंत्र के निम्नलिखित कार्य है

(1) बृषण – यह शुक्राणुओं का निर्माण एवं नर हार्मोन की उत्पत्ति करते हैं

(2) अधिबृषण – यह शुक्राणुओं का संग्रह करता है

(3) पेनिस -यह शुक्राणुओं को मादा जनन अंग तक पहुंचाने में सहायक होते हैं
– यह मिथुन की क्रिया में भाग लेते हैं
– यह हार्मोन का निर्माण करते है।

मादा जनन तंत्र किसे कहते हैं?
उत्तर – मादा में पाए जाने वाली सभी अंग अंग तंत्र तथा ग्रंथियां जो जन्म की क्रिया में भाग लेते हैं उसे मादा जनन तंत्र कहते हैं

मादा जनन तंत्र के निम्नलिखित भाग है
(1) अंडाशय
(2) फेलोपियन नलिका
(3) गर्भाशय
(4) योनि
(5) बाय जनन इंद्रियां

(1) अंडाशय – यह प्रत्येक मादा में उदर गुहा के नीचे दोनों और दाएं और बाएं अंडाकार संरचना पाई जाती है जिसे हम अंडा से कहते हैं

– यह एक जोड़े में उपस्थित होते हैं
– इसकी लंबाई 3 सेंटीमीटर चौड़ाई 1/2 cm तथा मोटाई 1 सेंटीमीटर होती है
– इसके नीचे जनन एपिथीलियम की परत होता है

(2) फेलोपियन नलिका – गर्भाशय के दोनों तरफ से एक जोड़ी नाली का संरचना जो युटेरस के दोनों तरफ एक एक निकलते हैं उसे फेलोपियन नलिका कहते हैं

– इसमें निषेचन की प्रक्रिया होता है
,- फेलोपियन नलिका में ही निषेचन की प्रक्रिया पूर्ण होती है

(3) गर्भाशय– पेलबीक क्षेत्र में मूत्रमाश और मलाशय के बीच उपस्थित उल्टी हुई नाशपाती के आकार की संरचना को गर्भाशय कहते हैं

– गर्भाशय के आंतरिक भित्ति मोटी एवं पेशीय होती है जिसमें तीन स्तर होते हैं

,- सरविक्स एवं योनि एक साथ मिलकर जन्म केनाल बनाती है

(4) योनी – मादा जनन तंत्र में मिथुन कक्ष को योनी कहते हैं

– यहां 7से 10 सेंटीमीटर लंबी पेशियां नाली होते हैं
– योनि बाहर की और एक चित्र में खुलती है जिसे बलवा कहते हैं
– योनि सामने की ओर मूत्र माश्य में तथा पीछे की और मलाशय में खुलती है

(1) स्तन ग्रंथियां किसे कहते हैं?
उत्तर – स्रियो एवं पुरुषों के वक्ष भाग में सामने की और दो उभरे हुए निप्पल युक्त ग्रंथि पाई जाती है जिसे स्तन ग्रंथि कहते हैं

स्तन में 15 से 20 संयुक्त नाली काय होते हैं

– पुरुषों में यह ग्रंथियां और असक्रिय होते हैं। 

= मादा जनन अंग के कार्य को लिखे !
उत्तर -मादा जनन तंत्र के निम्नलिखित कार्य है
(1) फीब्री – अंडाशय को पकड़कर गर्भाशय तक पहुंचाता है

(2) अंडाशय – यह अंडाणु का निर्माण करते है

(3) फेलोपियन ट्यूब – यह निषेचन के लिए प्रयुक्त वातावरण प्रदान करते हैं

(4) योनि- मिथुन के समय शुक्राणुओं को ग्रहण करना
– शिशु के विकास के समय पोषण प्रदान करना

(2) मानव में लिंग निर्धारण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – मानव एक लिंगी प्राणी होते हैं इसमें 23 जोड़े गुणसूत्र पाए जाते हैं अंतिम 23 में जोड़े गुणसूत्र को लिंग गुणसूत्र कहते हैं मादा का लिंग गुणसूत्र( xx) तथा नर का लिंग गुणसूत्र ( xy )होते हैं नर के लिंग गुणसूत्र के द्वारा मानव में लिंग निर्धारण होता है

– ‌ इसे लिंग निर्धारण या लिंग क्रोमोसोम भी कहा जाता है

(3) प्रसब किसे कहते है?
उत्तर- स्वगर्भता के अंत में शिशु को बाहर आने की प्रक्रिया को प्रसव कहते हैं।
– इसे पार चु रेशन भी कहा जाता है

– मां के गर्भ के नौवें महीने के अंत में जैसे ही शिशु का वजन दोगुना हो जाता है तो प्लेसेंटा गर्भाशय को थोड़ा संकुचन करता है इस संकुचन को फीटल इंजेक्शन रिलैक्स करते हैं इस संकुचन के बाद पीयूष ग्रंथि ऑक्सी टॉक्सी नामक हार्मोन का निर्माण करते हैं जिसे गर्व को संकुचित कराया जाता है अत्यधिक संकुचित होने से शिशु गर्भ से बाहर आ जाते हैं जिससे प्रसव क्रिया संपन्न होती है

(4) अंड जनन तथा शुक्र जनन के बारे में बता बताएं

अंड जनन – अंडाणु के निर्माण की प्रक्रिया को अंड जनन कहते हैं अंडाणु का निर्माण कराया अंडाशय में होते हैं अंडाणु अगुणित होते है

शुक्र जनन – शुक्राणु के निर्माण की प्रक्रिया को शुक्र जनन कहते हैं इसका निर्माण पर आया विरसन में होता है

शुक्र जनन की किया 3 चरणों में संपन्न होते हैं
(1) गुनन अवस्था
(2) विकास अवस्था
(3) परिपक्व अवस्था

(5) मासिक चक्र किसे कहते हैं?
उत्तर- महिलाओं में होने वाले वैसी चक्रीय परिवर्तन जिसमे महिलाओं के आंतरिक जनन अंगों में नियमित रूप से कुछ बदलाव होते रहते हैं जिसे मासिक चक्र कहते हैं

– इसे आर्तव चक्र भी कहा जाता है
– इसे mc भी कहा जाता है
– मासिक चक्र 12 से 15 वर्ष में शुरू होकर 45 से 50 वर्ष तक चलते हैं
– मासिक चक्र औसतन 28 दिनों का होता है
– मासिक चक्र तीन अवस्था में पूरा होता है

 

( 6) दूध श्राव से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – स्त्री में स्वगर्भता के समय स्तन ग्रंथियों में कई प्रकार का परिवर्तन होता है एवं शिशु के जन्म के पश्चात अस्थान ग्रंथियों से दूध शराब आरंभ हो जाता है कई महीनों तक शिशु अपने माता का दूध पान करता है दूध शराब के आरंभ में मां के दूध में कई प्रकार के एंटीबॉडी पदार्थ पाया जाता है जो शिशु में प्रतिरोधी क्षमता उत्पन्न करने में विशेष सहायक है इस प्रक्रिया को दूध श्राव कहते हैं।

(7) MTP क्या है?।
उत्तर – एमटीपी विधियां को सुधारक विधि भी का कहते हैं इन्हें तब इस्तेमाल किया जाता है जब गर्भ ठहर गया हो गर्भपात ऐसी सुधारक विधि क्ष है जिसके द्वारा भूर्ण को समाप्त किया जाता है यह प्रक्रिया 3 माह तक ही संभव है 3 माह के बाद यह विधि घातक सिद्ध होता है ।

 

(8) मद चक्र एवं रितु स्राव चक्र से आप क्या समझते हैं
उत्तर-मद चक्र- नन primet स्तनधारी ओं में पाए जाने वाले चक्रीय परिवर्तन को मद चक्र कहते हैं।
जैसे – गाय . कुत्ता ,हीरन इत्यादि ।

इसमें चक्रीय परिवर्तन होते हैं ।

= रितु स्राव चक्र – primet स्तनधारियों में पाए जाने वाले चक्रीय परिवर्तन को रितु स्राव चक्र कहते हैं
जैसे – मनुष्य, गोरिल्ला, चिंपैंजी इत्यादि ।

इसमें भी चक्रीय परिवर्तन होता है।

 

By madhav sir Help by puja yadav

Biology All subjectClick Here
12th All subjectClick Here

यह भी देखें Biology मानव जनन ऑब्जेक्टिव- Click Here

 

 

Biology 12th

 

 

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top
The team at WTS provides professional services for the development of websites. We have a dedicated team of experts who are committed to delivering high-quality results for our clients. Our website development services are tailored to meet the specific needs of each project, ensuring that we provide the best possible solutions for our clients. With our extensive experience and expertise in the field, we are confident in our ability to deliver exceptional results for all of our clients.

क्या इंतज़ार कर रहे हो? अभी डेवलपर्स टीम से बात करके 40% तक का डिस्काउंट पाएं! आज ही संपर्क करें!