Class 10th science guess question paper 2023 । Science Board model Question Download PDF

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Q. 1 .पेरिस्कोप (Periscope) किसे कहते हैं ? इसके क्या उपयोग हैं?-2

उत्तर — पेरिस्कोप एक यंत्र है जिसके द्वारा हम छिपी हुई वस्तुओं को देख सकते हैं। सैनिक खाइयों में छिप कर मैदानों-पहाड़ों को देख सकते हैं और पन्दुब्बियों में बैठे सैनिक समुद्र तल का पर्यवेक्षण कर सकते हैं। धुन्ध वाले दिन में अवरक्त फोटोग्राफी इसकी सहायता से सकती है।

पेरिस्कोप समतल दर्पणों की सहायता से बनाए जा सकते हैं। जो प्रकाश के परावर्तन-सिद्धान्त पर कार्य करते हैं। उच्च कोटि के पेरिस्कोप में प्रिज्मों का प्रयोग किया जाता है। 

2. हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता क्यों देते हैं?-2

अथवा, मोटर गाड़ी में साइड मिरर के रूप में प्रायः किस प्रकार के गोलीय दर्पण का उपयोग किया जाता है? 

उत्तर – उत्तल दर्पणों का उपयोग सामान्यतः वाहनों के पश्च-दृश्य (wing) दर्पणों के रूप में करते हैं। इनमें ड्राइवर अपने पीछे के वाहनों को देख सकते हैं जिससे वे सुरक्षित रूप से वाहन चला सकें। उत्तल दर्पणों को इसलिए भी प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि ये सदैव सीधा, प्रतिबिंब बनाते हैं, लेकिन वह छोटा होता है। इनका दृष्टि क्षेत्र भी बहुत अधिक है, क्योंकि ये बाहर की ओर वक्रित होते हैं। समतल दर्पण की तुलना में उत्तल दर्पण ड्राइवर को अपने पीछे के बहुत बड़े क्षेत्र को देखने में समर्थ बनाते हैं। इसलिए वे बेहतर हैं।

3 . पूर्ण आंतरिक परावर्तन क्या है? इसका एक उदाहरण दें।-2

उत्तर—पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total internal reflection)—जब प्रकाश किसी सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती हैं, तो दो माध्यमों के बीच परिसीमा में जो परावर्तन होता है, उसे आंतरिक परावर्तन कहते हैं। कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में आपतित प्रकाश को उसकी तीव्रता में बिना किसी विशिष्ट हानि के उसी माध्यम में वापस परावर्तित किया जा सकता है। इस घटना को ही प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन कहते हैं। उदाहरण – हीरे का चमकना ।

 

4.दृष्टि दोष क्या है? यह कितने प्रकार का होता है? 2 or 5

उत्तर- जब किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब आँख की रेटिना पर स्पष्ट रूप से नहीं बनता है तो इस दोष को दृष्टि दोष कहते हैं।

दृष्टि दोष मुख्यत: तीन प्रकार के होते हैं।

 

(i) निकट दृष्टि दोष इसमें प्रतिबिम्ब रेटिना के पीछे बनता है। इसमें की वस्तु स्पष्ट परन्तु निकट की वस्तु स्पष्ट दिखाई नहीं देती है

(ii) दीर्घ दृष्टि दोष — इसमें प्रतिबिम्ब रेटिना के पीछे बनता है। इसमें दूर की वस्तु स्पष्ट परन्तु निकट की वस्तु स्पष्ट दिखाई नहीं देती है। 

इसे दूर दृष्टि दोष भी कहते हैं

(iii) अबिन्दुकता – आँख की लेंस में सममिति के अभाव के कारण किसी एक वस्तु का प्रतिबिम्ब एक न बनकर कई बनने लगते हैं। इसमें कोई भी वस्तु स्पष्ट दिखायी नहीं देती है।

5.चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में चुम्बकत्व का क्या महत्त्व है?-2

उत्तर- मानव शरीर में अति कमजोर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है। यह चुम्बक शरीर के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र में विभिन्न भागों के प्रतिबिम्ब प्राप्त करने का आधार बनता है। इसके लिए चुम्बकीय अनुनाद प्रतिबिम्ब [MRI] की सहायता से विशेष प्रतिबिम्ब लिए जाते हैं जो चिकित्सा विज्ञान के लिए qअति महत्वपूर्ण होते हैं।

     By- madhav sir

6。पृथ्वी एक छड़ चुम्बक की भाँति व्यवहार करती है, क्यों?-2

उत्तर- पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र ऐसा होता है जैसे इसके भीतर एक बहुत बड़ा चुम्बक है। इसका दक्षिणी ध्रुव कनाडा के उत्तरी गोलार्द्ध में 70.5° उत्तरी अक्षांश और 96° पश्चिमी रेखांश पर है। यह उत्तरी ध्रुव से लगभग 1600 किमी. दूर है। इससे गुजरता क्षैतिज तल भूगोलीय मीटिडियन कहलाता है। उत्तर और दक्षिण से गुजरता हुआ चुम्बकीय मीटिडियन के नाम जाना जाता है। अत: यह एक छड़ चुम्बक की भाँति कार्य करती है। तभी चुम्बकीय सूई NS दिशा प्रदर्शित करती है।

7.जीवाश्म ईंधन क्या है? उदाहरण सहित लिखें।-2

उत्तर–जन्तु तथा वनस्पति के अवशेष पृथ्वी की सतह में दबे रहते हैं।

ये धीरे-धीरे तलछट के नीचे दबकर एकत्रित हो जाते हैं। इस प्रकार उन्हें ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं होती। तलछट के आवरण के नीचे न तो उनका ऑक्सीकरण होता है और न ही विघटन, परन्तु इसी तलछट के भार के कारण इन अवशेषों से पानी तथा अन्य वाष्पजन्य पदार्थ निचुड़कर बाहर निकल जाते हैं। इन्हीं पदार्थों को जीवाश्म ईंधन कहते हैं। अतः जीवाश्म ईंधन ऊर्जा युक्त कार्बन यौगिकों के वे अणु हैं जिनका निर्माण मूलतः सौर ऊर्जा का उपयोग करते हुए वनस्पतियों ने किया था। जीवाश्म ईंधन के उदाहरण हैं— कोयला,पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस ।

Note- नाभिकीय विखंडन और नाभिकीय संलयन प्रश्न खुद से बना कर रखें । By madhav sir

8.कौन-कौन से व्यक्ति नेत्रदान कर सकते हैं?-2

उत्तर—-व्यक्ति जो नेत्रदान कर सकते हैं— (i) किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति, (ii) किसी भी लिंग के व्यक्ति, (iii) चश्मा लगाने या चश्मा न लगानेवाले व्यक्ति, (iv) मोतियाबिंद का ऑपरेशन करा चुके व्यक्ति, (v) उच्च रक्तचाप से पीड़ित, (vi) मधुमेह रोगी, (vii) दमे के रोगी, (viii) जिन्हें कोई संक्रामक रोग न हो।

9.सौर सेल का सिद्धान्त लिखिए। सौर सेल पैनल किसे कहते हैं?-2

उत्तर – सौर सेल द्वारा सूर्य की ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सकता है। सौर सेलों में सामान्यतः सिलीकॉन तथा गैलियम जैसी अर्द्धचालकों का उपयोग किया जाता है। यह अर्धचालक सामान्यतः विद्युत के सुचालक नहीं होते लेकिन उनमें कुछ द्रव्य मिलाने पर तथा इनके ऊपर प्रकाश पड़ने पर इनकी चालकता बढ़ जाती है। इनमें अपद्रव्य मिश्रित अर्द्धचालक की परतें इस प्रकार व्यवस्थित की जाती हैं कि प्रकाश पड़ने पर अर्द्धचालक के दो भागों में विभवान्तर उत्पन्न हो जाए। 4 वर्ग सेमी० के आकार के सौर सेल से 0.4 से 0.5 वोल्ट विभवान्तर पर 600 मिली ऐम्पियर (Am) की धारा उत्पन्न की जा सकती है। उच्च विभवान्तर एवं धारा प्राप्त करने के लिए कई सौर सेल विशेष क्रम में (साधारण सेलों की भाँति ) व्यवस्थित कर लिए जाते हैं, जिसको सौर सेल पैनल कहते हैं।

 

10.किसी अंतरिक्ष यात्री को आकाश नीले की अपेक्षा काला क्यों प्रतीत होता है?-2

उत्तर — अंतरिक्ष यात्री आकाश में उस ऊँचाई पर होते हैं, जहाँ वायुमंडल नहीं होता और न ही वहाँ कोई प्रकीर्णन हो पाता है, इसलिए उन्हें आकाश

नीला नहीं, बल्कि काला प्रतीत होता है।

 

7. रेलवे के सिग्नल का प्रकाश लाल रंग का ही क्यों होता है? खुद से बनाए ।-2          By madhav sir

 

Noteऔर भी अति महत्वपूर्ण प्रश्न अपडेट किया जा रहा है बार-बार आकर चेक करते रहें/

 

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