Chapter 3 हिंद चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन Nationalism movement in Indo China

Chapter 3 हिंद चीन में राष्ट्रवाद आंदोलन Nationalism movement in Indo China

 

 

 

 

Chapter 3 हिंद चीन में राष्ट्रवाद आंदोलन Nationalism movement in Indo China

 

Q 1 हिन्द चीन का क्या अर्थ है

  • हिन्द चीन का तत्परिय तत्कालीन 8 लाख वर्ग किलोमीटर में फैले उस प्रय्दुएपिय शेत्र से है जिसमे आज के वियतनाम लाओस और कम्बोडिया आते है इसकी उतरी सीमा म्यांमार एवं चीन को चुटी है द्क्चिन में चीन सागर है इसके पश्चिम में भी म्यांमार का शेत्र परता है

Q.2  होआ होआ आन्दोलन की चर्चा करे

Ans. जनेवा समझौता के बाद दक्षिण वियतनाम में गृह कलह की इस्थिति बन गई इसमे एक धार्मिक वर्ग होआ -होआ दूआरा चलाये जा रहे आन्दोलन की मुख्य भूमिका थी होआ -होआ आन्दोलन के काफी आक्रामक हो जाने  पर न्यो-दिन्ह दियम ने बरी कुरुर्तापुर्व्क इसे दबाया

Q.3 जनेवा समझौता कब और किनके बिच हुआ

Ans. जनेवा समझौता मेई 1954 इ. में हिन्द -चीन  समस्या पर वार्ता हेतु बुलाए गये सम्मेलन में हुआ इसमे  वियतनाम को दो हिस्सों बाठ दिया गया लाओस तथा कम्बोडिया में वैध राजतन्त्र को सुइकारे कर संसदीय  शासन प्रणाली अपनाया गया    

Q. 4 वओदाई कौन था

Ans. वह अन्नाम का रजा था |1945 ई. में वियतनाम गणराज्य बन जाने के कारन 25 अगस्त 1945 ई.को सैनिक सहायता के साथ दक्षिण वियतनाम का शासक  बना दिया वह स्वय की कमजोर इस्थिति को समझता था जेनेवा समझौतामें  के बाद भी वह प्राय फ्रांस में ही रहता था

Q.5 अमेरिका हिन्द -चिन्ह में कैसे दाखिल हुआ चर्चा करे

Ans. 1950 ई. में उतरी वियतनाम में हो – ची -मिन्ह की साम्यवादी सरकार तथा द्शिनी वियतनाम में वओदाई की फ्रांस समर्थित सरकार लगातार बढत बनाये थी इसीकर्म में दिएन- विएन फू -दुर्ग पर साम्यवादी हो- ची – मिन्ह की सेना ने फ़्रांसिसी सेना बुरी तरह हर करकब्जा कर लिया एसी इस्थिति में साम्यवादी के बढ़ते प्रभाव को हिन्द -रोकने के उधेस्य से फ़्रांस के समर्थन में अमेरिका ने प्रतिय्छ्त हिन्द – चीन में उतरने का निश्चय किया चूकी रूस पहले से साम्यवादी हो – मिन्ह का समर्थन कर रहा था अत. तृतीय विश्व युध की सम्भावना नजर आ रही थी इन्ही परिस्थितियों में मई 1954 ई. में जेनेवा समझौता हुआ जिसके फलस्वरूप वियतनाम को दो हिस्सों में बांट उतरी वियतनाम साम्यवादियो को तथा दक्षिण वियतनाम फ़्रांस – अमेरिका समर्थित लाओस और कम्बोडिया में वैध राजतंत्र के रूप को स्वीकार कर संसदीय शासन प्रणाली अपनाए गए इस व्यावस्था के बाद भी साम्यवादी दक्षिण वियतनाम लाओस तथा कम्बोडिया में प्रभाव बढ़ाते जा रहे थे जबकि अमेरिका इन शेत्रो को साम्यवादी प्रभाव में जाने से रोकने के लिए कृत संकल्प था       

.Q  6 हिन्द – चिन्ह में फ़्रांसिसी प्रसार का वर्णन करे

ans. हिन्द – चिन्ह आनेवाले यूरोपियनों में पुर्तगाली डच स्पेन अंग्रेजी तथ फ्रांसीसी थे इनमे से केवल फ़्रांस ही इस भू – भाग पर राजनितिक प्रभुत्व कायम करने हेतु सक्रिय रहा 1947 ई. में फ़्रांस ने व्यापर के उधेश्य से अन्नाम के साथ राजनयिक सम्बन्ध बनाया 1987 ई.में फ्रांसीसी सहायता से चीन का राजा विद्रोह दबाने में सफल रहा फलत दोनों में संधि हो गई १९वी सदी के प्रारंभ में अन्नाम और कोचीन – चीन में फ्रांसीसी पादरियों के विरुद्ध उग्र आन्दोलन छीर गया फ़्रांस ने सैन्य – बल पर 1962 ई. में अन्नाम को संधि के लिए बाध्य किया 1963 ई. में कम्बोडिया भी फ़्रांस का संरषित राज्य बन गया 1873 ई.में फ़्रांस ने तेंकिन के कुछ भागो पर अपनी सत्ता स्थापित कर ली 1884 ई. में फ़्रांस ने अन्नाम को अपना संरषित राज्य बना लिया 1893 ई. में फ़्रांस ने लाओस के रूप में नया फ्रांसीसी संर्षित शेत्र बनाया जिसमे 1904 ई.  में कुछ और शेत्र जुर गये इस प्रकार २०वी शताब्दी के प्रारंभ होते ही सम्पूर्ण हिन्द – चीन फ़्रांस की अधीनता में आ गया.

 

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7 रासायनिक हथियारों नापाम एवं एजेंट ओरेंट का वर्णन करे

ans. अगस्त 1964 ई. में अमेरिका ने उतरी वियतनाम पर आक्रमण कर दिया ईस आक्रमण में उसने खतरनाक हथियारों टेंको एवं बम्वार्सक विमानों के व्यापक प्रयोग के साथ – साथ खतरनाक रासायनिक हथियारों का भी प्रयोग किया रासायनिक हथियारों से केवल तोर – फोर नही होती वरन इसका पर्यावरण एवं मानव जीवन पर दूरगामी प्रभाव परता है ऐसे ही कुछ रसायनिक हथियार थे – नापास बम एजेंट ओरेंट तथा फोस्फोरस बम नापास बम में नापास नामक एक कार्बनिक यौगिक होता है जो अग्नि बमो में गेइसोलिन के साथ मिलकर एक ऐसा मिश्रण तैयार करता है जो त्वचा से चिपक जाता और जलता रहता है इससे विषैली गैस भी निकलती है एजेंट ओरेंट एक ऐसा जहर है जिससे पेरो की पतिया तुरत झुलस जाती है एवं पेर मर जाते है जंगलो को खत्म करने में इसका प्रयोग किया जाता हैं इसका यह नाम ओरेंट पट्टी बने ड्रमो में रखे जाने के कारन वियतनाम युद्ध में अमेरिका ने इसका इस्तेमाल जंगलो के साथ – साथ खेतो तथा आबादी पर भी जमकर किया उस शेत्रो में इसका असर जन्मजात विकलांगता तथा केंसर के रूप में आज भी देखा जा सकता है

Q. 8 हो- ची- मिन्ह के सम्बन्ध में संशिप्त जानकारी दे-

ans. हो-ची-मिन्ह वर्तमान में वियतनाम के जनक थे हो-ची-मिन्ह का दूसरा नाम न्युगन-आई-क्वोक भी था हिन्द चिन्ह में रास्तीयता के विकास के क्रम में ही 1917 ई. में उन्होंने पेरिस में साम्यवादियो का दल बनाया पुनह वे साम्यवाद की शिक्षा प्राप्त करने मास्को गये साम्यवाद से प्रेरित होकर 1925 ई. में उन्होंने वियतनामी क्रन्तिकारी दल गठन किया साथ ही कार्यकर्ताओ के प्रशिक्षण की भी व्यवस्था कर ली 1930 ई. में उन्होंने वियतनामी के साम्यवादी दल की स्थापना की द्वितीय विश्व युद्ध के समय हो-ची-मिन्ह ने वियतनाम के प्राय सारे शेत्रो पर निमंत्र्ण कर 2 सितम्बर1945 ई. को वियतनाम के स्वतंत्रता की घोषणा कर दी वहा लोकतंत्रीय गणराज्य वाली सरकार स्थापित हुई जिसके प्रधान हो ची-मिन्ह थे 1950 ई. में हो-ची ने अपनी सरकार पूर्ण साम्यवादी स्वरूप प्रदान किया सितम्बर 1969  ई. को हो-ची-मिन्ह का देहांत हो गया

Q.9 एकतरफ अनुबंध व्यवस्था क्या थी ?

Ans. एक तरफ अनुबंध व्यवस्था एक तरह की बंधुआ मजदूरी थी। इसमें मजदूरों को कोई अधिकार प्राप्त नहीं था, जबकि मलिक को असीमित अधिकार प्राप्त थे। अब बागानों के खेतों एवं खानों में मजदूर से एक तरफ़ा अनुबंध व्यवस्था पर काम लिया जाता था।

Q. 10 हो ची मिन्ह मार्ग क्या है  ?

Ans. हो ची मिन्ह मार्ग हनोई से चलकर लाओस कंबोडिया के सीमा क्षेत्र से गुजरा हुआ दक्षिणी वियतनाम तक जाता था।  इससे सैकड़ो कच्ची पक्की सरके निकलकर पूरे वियतनाम से जुड़ी थी। यह  वियतनामियो की रसद सप्लाई मार्ग था ।यह मार्ग काफी मजबूत था। अमेरिका सैक्रोवार इस पर बमबारी कर चुका था, परंतु वियतकांग् एवं उनके समर्थित लोग तुरंत इसकी मरम्मत कर लेते थे। चुकी होती होची मिन्ह मार्ग वियतकांग् की जीवन रेखा थी, अतः अमेरिका इस पर नियंत्रण करना चाहता था। इसी कर्म

में उसने लाओस एवं कंबोडिया पर आक्रमण भी किया किंतु तीन तरफ संघर्ष में फंसकर उसे वापस होना पड़ा था।

 

Chapter 2 समाजवाद एवं साम्यवाद socialism and communism

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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