Class 12th Biology model paper full solution 2023 ।। Bseb inter biology model paper solution 2023

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दोस्तों इस आर्टिकल में इंटर बायोलॉजी मॉडल पेपर का पूरा सॉल्यूशन देखने को मिलेगा बताते चलें इसमें से काफी प्रसिद्ध ऐसे हैं जो आपके बोर्ड परीक्षा 2023 में पूछे भी जाएंगे इसलिए सभी प्रश्नों को अच्छी तरह से पढ़े देखें जहां पर टूटी लगे कमेंट करें साथ में लिखकर हो सके तो याद करें। 

Bseb official model paper 2023

Class 12th Biology model paper full solution 2023 ।। Bseb inter biology model paper solution 2023

 

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा जारी मॉडल पेपर के अनुसार बिहार बोर्ड के द्वारा बहुत कम ही प्रश्न पूछा जाएगा। लेकिन बता दें इस आर्टिकल में कुछ ऐसे प्रश्न भी सम्मिलित किया गया है। जो आपके बोर्ड परीक्षा 2023 के लिए अति महत्वपूर्ण है। model paper के सॉलशन के साथ  क्वेश्चन उत्तर  दिया गया है। जिसे आप पढ़ें और हो सके तो लिखकर याद में करें

ल घु उत्तरीय प्रश्न / Short Answer 

1. जलीय पौधे को उदाहरण सहित परिभाषित करें 

उत्तर👉 जल में रहने वाले पौधे जलीय पौधे कहलाते हैं। हाइड्रिला, वेलिसिनेरिया, और अन्य पूरी तरह से पानी में डूबे रहते हैं, जबकि जाल,कमल  और अन्य के शरीर के अधिकांश भाग डूबे रहते हैं । अन्य महत्वपूर्ण जल पौधों में जल लिली, सैज और कौवाफुट शामिल हैं। कई हाइड्रोफाइट्स, जैसे नुकीला वाटरमिलफॉइल पूरी तरह से पानी में डूबा हुआ है, और अपनी पूरी सतह पर पानी और गैसों को अवशोषित करता है। इसका कोई रंध्र नहीं है।

2. खाद्य श्रृंखला तथा खाद्य जाल में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर : आहार श्रृंखला व खाद्य जाल में अंतर-

(1) आहार श्रृंखला में जीवों की एक सूची होती है जो बताती है कि कौन-सा ‘जीब, किस जीव को खाता है। खाद्य जाल में ऐसी अनेक आहार • श्रृंखलाएँ परस्पर जुड़ी होती हैं।

(2) आहार श्रृंखला एक जीव ऐक जगह पर हो सकता है जबकि खाद्य • जाल में एक जीव कई खाद्य जालों से जड़ा हो सकता है। (3) आहार श्रृंखला में जीवों की संख्या कम व खाद्य जाल में इनकी संख्या

अधिक होती है।

3. गुणसूत्री उत्परिवर्तन को परिभाषित करें।

– उत्तर : समुच्चय गुणसूत्रीय उत्परिवर्तन – क्रोमोसोम की संरचना, संख्या या पूर्ण में होने वाला कोई भी बदलाव गुणसूत्रीय उत्परिवर्तन कहलाता है। यह निम्न प्रकार के होते हैं-

(A) गुणसूत्रों में आकारकीय बदलाव

– (1) विलोपन (Deletion)

(2) द्विगुणन (Duplication)

( 3 ) प्रतिलोमन ( Inversion)

(4) स्थानान्तरण ( Translocation) (B) गुणसूत्र संख्या में परिवर्तन

(1) असुगुणिता (Aneuploidy)

(2) सुगुणिता या यूप्लाइडी (Euploidy )

4. शुक्राणुजनन को संक्षेप में समझाएँ।

उत्तर: शुक्राणुओं का विकास आदिबीजकोशिकाओं से होता है। यह क्रिया तीन अवस्थाओं – गुणन की अवस्था, वृद्धि की अवस्था तथा परिपक्वता की अवस्था में पूरी होती है। –

आदिबीजकोशिकाएँ पहले गुणन की अवस्था में प्रवेश करती है। इस क्रिया में बार-बार विभाजित होकर ये शुक्राणुकोशिकाजन (spermatogonia) बनाती है। इसमें कुछ शुक्राणुकोशिकाजन A तथा बाकी सभी शुक्राणुकोशिकाजन B का निर्माण करता है। यहाँ शुक्राणुकोशिकाजन : A एक साथ मिलकर शुक्राणु कुल बनाता है जबकि शुक्राणुकोशिकाजन B परिवर्तित होकर प्राथमिक शुक्राणुकोशिका का रूप धारण करता है। प्राथमिक शुक्राणुकोशिका बड़ा तथा द्विगुणित अथवा 2N, अर्थात 14 + XY (कुल 46 ) क्रोमोसोम की संरचना रखता है।

 

6. प्राकृतिक चयन पर संक्षेप  में लिखें

उत्तर- प्राकृतिक चयन तीन प्रकार से कार्य कर सकता है पहला

i आणविक आनुवंशिकता (molecular genetics)

(ii) लक्षण वितरण (trail disention) एवं

(iii) एकल आबादी अध्ययन (single population study)! 

जिन जीवों में लाभदायक उत्परिवर्तन होता है, वे परिवर्तित वातावरण में विशेष आरामदायक जीवन व्यतीत करते हैं, लेकिन जिन्हें उत्परिवर्तन नहीं हुआ लाभहीन या क्षतिकारक उत्परिवर्तन हुआ वे परिवर्तित वातावरण में अपने को समायोजन (adjust ) नहीं कर सकेंगे। फिर यदि किन्हीं सदस्यों में उत्परिवर्तन नहीं हुआ, तो वे अपरिवर्तित वातावरण में अच्छी तरह जीवित रह सकते हैं, लेकिन वे परिवर्तित वातावरण में अच्छी तरह जीवित नहीं रह सकते हैं। अतः प्रकृति उन्हें ही चयन करता है, जिन्हें लाभदायक उत्परिवर्तन हुआ है एवं अन्य को अलग कर देता. है जिनमें उत्परिवर्तन हुआ है एवं जिन्हें प्रकृति द्वारा चयन किया गया है वे प्रजनन द्वारा बहुसंख्यक सदस्यों को आबादी में वृद्धि कर सकते हैं।

7. परिस्थितिक विविधता को परिभाषित करें।

• समुदाय तथा पारिस्थितिक तंत्र ( ecosystem) स्तर पर विविधता पाई

जाती है। पारिस्थितिक तंत्र में विभिन्न स्पीशीज एक-दूसरे के साथ होने के अतिरिक्त

आपस में तथा आस-पास के वातावरण से प्रभावित होती है। भारतवर्ष में पारिस्थितिक तंत्र में बहुत विविधता पाई जाती है। रेगिस्तान, वर्षा वन (rain forests), दलदल (mangroves), नदियों, झीलें तथा समुद्र जमीनीय (terrestrial),जलीय (aquatic) पारिस्थितिक तंत्र के उदाहरण हैं। पारिस्थितिक तंत्र विविधता को तीन भागों में विभेदित कर सकते है— (क) अल्फा विविधता (alpha diversity),

(ख) बीटा विविधता (beta diversity) तथा

(ग) गामा विविधता (gamme,diversity)।

8. आर०एन०ए० पॉलीमरेज एंजाइमन पर एक टिप्पणी लिखें। 

उत्तर : डी.एन.ए. निर्भर आर. एन. ए. पॉलिमरेज यह डी. एन. ए. पर – निर्भर आर. एन. ए. पॉलिमरेज होता है। प्रोकेरियोट्स में यह सभी प्रकार के आर. एन. ए. के अनुलेखन को उत्प्रेरित करता है। यूकैरियोट्स में निम्नलिखित तीन प्रकार के आर. एन. ए. पॉलिमरेज मिलते हैं-

(i) आर. एन. ए. पॉलिमरेज यह राइबोसोमल आर. एन. ए. कोअनुलेखित करता है।

(ii) आर० एन० ए० पॉलिमरेज II-यह सन्देशवाहक आर. एन. ए. के. पूर्ववर्ती विषमांगी केन्द्रकीय आरु एन.ए. अर्थात् के पूर्ववर्ती का अनुलेखन करता है।

(iii) आर० एन०ए० पॉलिमरेज- यह ट्रान्सफर आरएनए तथा छोट केन्द्रकीय आर. एन. ए. के अनुलेखन के लिए उत्तरदायी होता है।

9. योजक- कड़ी तथा विलुप्त-कड़ी के बारे में बताएँ।

उत्तर: कुछ ऐसे जंतु हैं जो जंतुओं के दो दलों के बीच के रिक्त स्थान की पूर्ति करते हैं। इन जंतुओं में दोनों दलों के जंतुओं के लक्षण पाए जाते हैं। ऐसे मंतुओं को योजक कड़ी कहते हैं। उदाहरण प्रोटोप्टेरस यह एक पुस-मत्स्य (unglish) है जिसमें कुछ लक्षण मछलियों के (जैसे क्लोम, शल्क) और कुछ लक्षण उभयचरों के (जैसे फुप्फुस ) होते हैं। इस प्रकार, फुप्फुस मत्स्य क्रमविकास के उस मध्यवर्ती मार्ग का प्रदर्शन करते है, जिससे होकर मछलियों से उभययरों का विकास हुआ होगा। पेरिपेटस (Peripatus) एनेलिडा तथा आर्थ्रोपोडा के बीच की योजक कड़ी है।

आरकिओप्टेरिक्स (Archaeoplerya) जुरासिक (Junassic) काल में पाया जानेवाला पक्षी था। इसके जीवाश्म (fossil) में कुछ लक्षणं रेप्टीलिया (Reptilia) वर्ग के हैं तो कुछ पश्चिवर्ग (Aves) के अतः इसे रेप्टाइल और पक्षिवर्ग के बीच की कड़ी समझा जाता है और यह इस तथ्य को प्रमाणित करता है कि पक्षियों का विकास रेप्टाइल वर्ग से ही हुआ है। यह पक्षी मिलुप्त (extinct) हो गया है, इसलिए कुछ वैज्ञानिक इसको विलुप्त कड़ी (missing link) भी कहते हैं।

10. बीडीएनए तथा जेड- डीएनए में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर : वी-डीएनए– (i) सामान्य शारीरिक स्थितियों में सामान्य रूप से होने वाला डीएनए रूप,डीएनए का यह रूप दाएं हाथ का डमल हेलिक्स है। (ii) इस डीएनए के दो तार दो अलग-अलग दिशाओं में चलते हैं (iii) से प्रमुख और मामूली खांचे की वैकल्पिक उपस्थिति के साथ एक विषम संरचना दिखाते हैं। यह एक मेस पेयर के ग्लाइकोसिडिक गॉड के एक दूसरे के बिल्कुल विपरीत नहीं होने का परिणाम है।

 

जेड-डीएनए-

(i) रचनात्मक रूप से भिन्न डीएनए का यह रूप दाएं हाथ का डबल टेलिक्स है। ‘ (ii) फेड-डीएनए की हेलीकल चौड़ाई 18 एनएम है, जो इसे अन्य डीएनए अनुरूपताओं की तुलना में सबसे कम बनाती है।

(iii) इसकी खासियत इसकी रीढ़ की हड्डी है जो गिग की तरह दिखाई देती है। (iv) प्रत्येक मोड़ में 12 आधार जोड़े, 4.56 एनएम लंबे होते हैं।

11. परपरागण को उदाहरण सहित परिभाषित करें उत्तर: जब किसी पुष्प के परागकण उसी प्रजाति के अन्य पुष्प, जिसकी जीन संरचना भिन्न होती है, के वर्तिका पर पहुंचकर उसे परागित करते हैं तो इसे पर परागण कहते है। पौधों में पर परागण  वायु द्वारा जल द्वारा एवं जंतु द्वारा होता है।

(1) कीटों द्वारा परागण इसके लिए विशेष युक्तियों जैसे  पुष्पों  में रंग, सुगंध, मकरंद, आदि की उपस्थिति कीटों को आकर्षित करने के लिए अपना ही जाती है। कीट परा गीत पुष्प बड़े ही आकर्षक भड़कीले होते हैं। इन पुष्पों के वर्तिका प्राय चिपचिपे होते हैं। एक पुष्प के परागकण जब उसी जाति के अन्य पुष्पों के वर्तिका पर पहुंचते हैं तो इस क्रिया को परागण कहते हैं।

(2) वायु द्वारा परागण अनेक पौधों में वायु द्वारा परागण होता है। इसके लिए अनेक युक्तियाँ पाई जाती हैं। जैसे-पुष्प प्राय छोटे और समूहों में लगे होते हैं। पुष्पा में सुगंध, मकरंद और रंग का अभाव होता है। वर्तिका खुरदरी होते हैं, परागकण हल्की और शुष्क होते हैं। उदाहरण- गेहूं, मनका स्वार, आदि। 12. नर नसबंदी के बारे में बताएँ।

उत्तर : नर नसबंदी यानी पुरुष नसबंदी परिवार नियोजन की एक विधि है । आसान शब्दों में कहा जा सकता है कि ये महिला के लिए पुरुष द्वारा अपनाई गई गर्भनिरोध प्रक्रिया है। जिसमें के द्वारा उस नली को बंद कर दिया जाता है जिससे स्पर्म या शुक्राणु बाहर आते हैं। ये गर्भ निरोध की एक स्थाई विधि है। जिससे महिला के गर्भवती होने के चांसेज न के बराबर हो जाते हैं । किसी भी पुरुष को वैसेकटॉमी तभी करानी चाहिए, जब उसे पिता न बनना हो इसका ये मतलब है कि भविष्य में जब दंपति को अपना परिवार आगे न बढ़ाना हो तो पुरुष साथी नसबंदी कराता है। इसे कराने के बाद पुरुष भविष्य में पिता नहीं बन सकते हैं।

13. वाह्य तथा आंतरिक निषेचन में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर: वाह्य  निषेचन निषेचन की क्रिया जब शरीर के बाहर होती है,तो उसे वाह्य निषेचन कहते हैं, जैसे जलीय प्राणियों शैवाल, मछली, मेढक, जेलीफिश सी स्टार, सीप आदि इन प्राणियों में युग्मक-संशय जल में होता है। वाहा निषेचन करनेवाले जीवों में नर तथा मादा युग्मक एक ही समय में विसर्जित होते हैं। वे समकालीनता (synchrony) प्रदर्शित करते हैं। बाह्रा निषेचन करनेवाले जीवों में निषेचन एक संयोग है, इसीलिए निषेचन को सफल बनाने के लिए नर तथा मादा दोनों प्रकार के युग्मक बड़ी संख्या में जीव द्वारा बनाए जाते हैं। एक सीप एक ऋतु में 100 मिलियन अंडे देती है। इनमें से केवल कुछ ही अंडे निषेचित हो पाते हैं। वक तथा बोनी मछली (bony fish) में बड़ी संख्या में संतति (offspring) पैदा होते हैं। चूँकि ये संतति बाह्य वातावरण में विसर्जित होकर रहते हैं इनकी संतानों की शिकारियों (predators) द्वारा शिकार होने की संभावना अधिक रहती है। इस कारण इनकी पैदा हुई सभी संतानों की उत्तरजीविता (survival) पर खतरा मंडराता रहता है।

आंतरिक निषेचन जय युग्मक संलयन जीन के शरीर के अंदर होता है, इस प्रकार के निषेचन को आंतरिक निषेचन कहते हैं। इसके उदाहरण हैं उच्च के प्राणी जैसे सरीसृप, पक्षी, स्तनधारी पादपों में. ब्रायोफाइट्स राइट्स अनावृतबीजियों तथा आवृतबीजियों में आंतरिक निषेचन ही होता है। कवक में भी लैंगिक जनन में आंतरिक निषेचन होता है।

14. वरण-योग्य चिन्हक से क्या समझते हैं?

उत्तम वाहक में पुनर्योग एवं अपुनर्योग में अन्तर करने वाले कुछ लक्षण पाये जाते है जिन्हें वरण योग्य चिन्हक कहते है। वरणयोग्य चिन्हकों के रूप में :प्रतिजैविक प्रतिरोधी जीन पायी जाती है। ये प्रायः मेट्रासाइक्लिन, एम्पिलिन नामान आदि प्रतिजैविकों के प्रतिरोधी चिन्ह पाये जाते है।

 

15. निम्नांकित बिमारियों के रोगजनक का नाम बताएँ- (A)क्षय रोग- माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस

(B)फाइलेरिया- बुचेरेरिया ब्रान क्राफ्टआई

(C) एड्स – एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम

(D) दाद- ट्राइकन माइलेस्पोरम

और एपिडर्मा फाइटन जेनेंस

16. अनिषेक जनन से क्या समझते हैं उदाहरणसहित बताएँ।

उतर: युग्मक-संलयन नए जीव के बनने के लिए आवश्यक है, फिर भी कुछ प्राणियों में बिना निषेचन की क्रिया के संपन्न हुए ही नए जीव का निर्माण हो जाता है। इस प्रकार की घटना को अनिषेक जनन कहा जाता है। इसके कुछ उदाहरण मधुमक्खी, रोटीफर्स, पक्षी (टर्की) तथा कुछ छिपकलियों। इन जीवों में बिना के निषेचन, अर्थात नर युग्मक के युग्मन के बिना ही मादा युग्मक नए जीव के निर्माण हो जाता है ।  कुछ पुष्पी पौधे जैसे एण्टिनेरिया अल्पाइना, Antennaria alpina) में अनिषेचित अंड विकसित होकर भ्रूण बनाता है।

17. वंशावली विश्लेषण से  आप क्या समझते है? यह कैसे उपयोगी है ?

उत्तर : हम जानते हैं कि कुछ ऐसे गुण या बीमारियाँ होती हैं जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक चलती रहती हैं दो या दो से अधिक पीढ़ियों तक पाए जानेवाले आनुवंशिक गुणों की वंशागति का चित्र द्वारा प्रदर्शन वंशावली कहलाता है। पुराने समय से ही वंशागत विकारों के बारे में मानव को जानकारी थी, लेकिन इसके अध्ययन एवं विश्लेषण का इतिहास मेंडल के नियमों की खोज के बाद आरंभ हो सका। कई पीढ़ियों तक पाए जानेवाले आनुवंशिक लक्षणों के विश्लेषण को वंशावली विश्लेषण कहते हैं। इसके तहत एक खास लक्षण का वंश वृक्ष में पीढ़ी-दर-पीढ़ी विश्लेषण किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य मानव में आनुवंशिक रोगों का पता लगाना है। इसके लिए कुछ प्रतीकों का प्रयोग किया जाता है।

18 परजीवी जंतुओं के हानिकारक प्रभावों का वर्णन करें।

उत्तर-  वे जंतु जिनके DNA में परिचालन द्वारा बाह्य (अतिरिक्त) जीन व्यवस्थित होता है और अपना लक्षण व्यक्त करता है, उसे पारजीवी जंतु कहते हैं। -मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अन्य जीवों पर विभिन्न प्रकार के परीक्षण करता है। इस क्रम में जीवों, जैसे चूहे, बंदर आदि को बड़ी संख्या में बाल देनी पड़ती है तथा उन्हें तरह-तरह के इंजेक्शन देकर यातनाओं को भुगतने के लिए मजबूर किया जाता है। चूंकि इस तरह के प्रयोगों के लिए कोई नियमावली बनी है. इस कारण जानवरों को अमानवीय यातना झेलनी पड़ती है। अतः वैसे माननीय क्रियाकलाप, जो अन्य जीवधारियों के लिए असुरक्षात्मक हो, को रोकने के लिए कुछ नैतिक मानदंडों की आवश्यकता है। यद्यपि आनुवंशिक रूपांतरण जैविक उपयोगिता की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, परंतु ऐसे ट्रांसजेनिक जीवों को जब पारिस्थितिकी तंत्र में डाला जाएगा तब इसके क्या परिणाम होंगे, यह सोचनीय है। लाभ के बजाय यह प्रयोग हानिकारक भी हो सकता है। 1977 में एक अमेरिकन कंपनी ने बासमती धान का पेटेंट करा लिया। इस पेटेंट के बाद बासमती की विकसित किस्म का विक्रय का एकाधिकार केवल उस कंपनी को ही प्राप्त हो जाता है। इसके लिए भारत सरकार न पहल की तथा उस पेटको अमेरिकन कोर्ट के माध्यम से रद्द करवाया।

19. प्राथमिक एवं  द्वतीयक लसीका अंगों के नाम लिखें।

उत्तर : (i) प्राथमिक लसिका अंग अस्थिमज्जा एवं थाइमस ग्रंथि। (ii) द्वितीयक लसिका अंग प्लीहा, लसिक शिल परिशेषिका एवं क्षुद्रांत के पेपर पेंच आदि।

20. भारत के हिन्दी चार राष्ट्रीय उद्यान का नाम बताए।

उत्तर :(i) काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, असम

(ii) गिर राष्ट्रीय उद्यान, गुजरात

(iii) मांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान, कर्नाटक

(iv) कारपेट राष्ट्रीय उद्यान, उत्तराखंड

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न / Long Answer Type Questions 

 21. मीथेनोजेन्स से आप क्या समझाते हैं? बायोगैस उत्पादन में मीथेनोजन कैसे सहायक है ?

उत्तर मीथेनोजेन्स मीथेन उत्पादक अवायवीय जीवाणुओं के समूह कोमीथेनोजेन्स कहा जाता है।

(i) मीथेनोजेन्स सूक्ष्मजीव हैं। (ii) बड़ी मात्रा में मीथेन के साथ CO2 और H2 का उत्पादन करने के लिए मैथनोगेंस सेल्युलोसिक सामग्री पर अवायवीय  रूप से विकसित होते हैं। (iii) सीवेज उपचार के दौरान अवायवीय कीचड़ में मीथेनोजेन्स ज्यादातर

पाए जाते हैं।

(iv) ये बैक्टीरिया मवेशियों के रूमेन (पेट का एक हिस्सा) में भी पाए जाते है. जहां से मवेशियों को पोषण प्रदान करते हैं। (v) मवेशियों के भोजन में मौजूद काफी मात्रा में सेल्यूलोगिक पदार्थ भी मवेशियों के समेन में मौजूद होता है।

(vi) मयेशियों के मन में, ये बैक्टीरिया सेल्यूलोज के टूटने में मदद करते हैं और मवेशियों के पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

बायोगैस मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड का मिश्रण है। मीथेनोजेन सेल्युलोसिक पौधे के भाग के अवायवीय पाचन द्वारा मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड और हाइड्रोजन गैस का उत्पादन करते हैं। इस प्रकार मैचनोजेन्स बायोगैस के उत्पादन में मदद करते हैं।

22. निम्नांकित का वर्णन करें- (A) पौधों का प्रदूषण नियंत्रण में महत्व (B) डेयरी फार्म प्रबंधन

 

उत्तर : (A) पौधों का प्रदूषण नियंत्रण में महत्व- -पौधे वातावरण के लिए फेफड़ों का काम करते हैं। ये ऑक्सीजन छोड़ते हैं और वातावरण से कार्बन डाईऑक्साइड सोख कर हवा को शुद्ध बनाते हैं। पौधों की पत्तियां भी सल्फर डाई ऑक्साइड और नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड जैसे खतरनाक तत्व अपने में समा लेती हैं और हवा को साफ मनाती हैं। यही नहीं, कई तरह के प्रदूषित तर पौधों की मखमली टहनियों और पत्तियों पर चिपक जाते हैं और पानी पड़ने पर धुल कर वह जाते हैं।

(B) डेयरी फार्म प्रबंधन – दूध और दूध से बने उत्पाद प्राप्त करने हेतु एक उद्योग के रूप में पशु प्रबंधन को डेयरी प्रबंधन कहते है। डेयरी प्रबंधन हेतु उत्तम नस्ल के पशु का चयन किया जाना चाहिए । तथा उसकी उचित देखभाल की जानी चाहिए। पशु चयन का पशु की विशेषता-

1. उत्पादन अधिक 2. गुणवत्ता पूर्ण उत्पादन

3. स्थानीय वातावरण के अनुकूल

4. रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होनी चाहिए। उचित देखभाल हेतु आवश्यक शर्ते / अधिक उत्पादन हेतु शर्ते-

1. उचित आवास 2. स्वच्छ वातावरण 3. पर्याप्त जल 4. भोजन का वैज्ञानिक तरीका सुरक्षा एवं हरा चारा उचित अनुपात।

23. जैव पीड़कनाशी से आप क्या समझते हैं? थी टी विष पर एक टिप्पणी लिखें।’

उत्तर : जैव पीड़कनाशी. -वह जीवधारी अथवा उसका कोई अंश या उत्पाद जिसका उपयोग किसी पीड़क को नियंत्रित करने में किया जाता है जैव पीड़कनाशी कहलाता है।

बीटी (Bt) विष- यह पीड़क प्रतिरोधी फसलों का निर्माण है जो पीड़कनाशकों की मात्रा को कम प्रयोग में लाती है। बीटी (Bt) एक प्रकार का जीव विष है जो एक जीवाणु वैसीलस यूरिन्जिएन्सिस के द्वारा उत्पादित होता है जिसे संक्षेप में Bt कहते हैं। Bt जीवविष जीन जीवाणु से क्लोनित होकर पौधों में प्रकट होकर कीटों या पीड़कों के प्रति प्रतिरोधकता उत्पन्न करता है  । जिससे कीटनाशकों के उपयोग की आवश्यकता नहीं होती है। इस प्रकार से जैव पीड़कनाशियों का निर्माण होता है। बीटी कॉटन इसी का एक उदाहरण है।

24. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें-

(A) डाउन्स सिण्ड्रोम तथा अलाइनफेल्टर्स सिण्ड्रोम में अंतर स्पष्ट करें। (B) युग्मक जनन तथा भ्रूणोद्भव में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर : (A) डाउन्स सिण्ड्रोम तथा क्लाइनफेल्टर्स सिण्ड्रोम में अंतर-

i) क्लाइनफेल्टर और डाउन सिंड्रोम दोनों में सामान्य 46 के बजाय 47 गुणसूत्र होते हैं। लेकिन, क्लाइनपेक्टर सिंड्रोम एक सेक्स गोम असामान्यता है, जबकि डाउन सिंड्रोम एक ऑटोसोमल असामान्यता है। (ii) क्लाइनफेल्टर्स सिंड्रोम सेक्स क्रोमोसोम की कमी के कारण होता है। डाउन्स सिण्ड्रोम एक अतिरिक्त सेक्स क्रोमोसोम की उपस्थिति के कारण होता है।

(B) युग्मक जनन तथा भ्रूणोद्भव में अंतर एक झिल्लीदार गर्दन, छोटे कद खराब था अविकसित स्तन, पतित अंडाशय और अल्पविकसित यौन विशेषताओं वाली महिलाएं बड़े हुए स्तनों वाले पुरुष युग्मकों के निर्माण प्रक्रिया को युग्मकजनन कहते हैं युग्मकों के निर्माण के समय अर्द्धसूत्रीविभाजन होने से ये अगुणित होते हैं। युग्मक नर तथा मादा होते हैं जो आपस मे साबित होकर युग्मनज बनाते हैं।

युग्मनज से भ्रूण के विकास की प्रक्रिया को मोद्भव कहते हैं। युग्मनज जो कि भ्रूणोद्भव द्विगुणित होता है, इसके विकास से भ्रूण का निर्माण होता है। भ्रूण प्रायः द्विगुणित होता है तथा इससे नये पादप का होता है। 25. लिंग- सहलग्न वंशागति को सोदारहण समझाएँ । 

उत्तर: जिन लक्षणों के जीन लिंग क्रोमोसोम पर पाए जाते हैं उनकी वंशागति को लिंग सहलग्न वंशागति कहते है ड्रोसोफिला एवं मनुष्य में लिंग क्रोमोसोम का एक जोड़ा पाया जाता है। मादा में लिंग क्रोमोसोम (XX) एक समान होते हैं और इस युग्म को होमोमॉर्फिक कहते हैं जबकि नर में लिंग मोसोम (XY) एक समान नहीं होते हैं। सामान्यतः मादा में X क्रोमोसोम दंडाकार तथा Y क्रोमोसोम हुक के आकार के होते हैं, इसलिए इन्हें हेटेरोमॉर्फिक क्रोमोसोम कहते हैं। लिंग-सहलग्नता साधारणतया X क्रोमोसोम पर होती है, इसलिए इसे X क्रोमोसोम वंशागति भी कहते हैं। इसके विपरीत यदि सहलग्नता Y क्रोमोसोम से हो तो उसे सहमता कहते हैं और इस प्रकार की वंशागति को होलैड्रिक वंशागति कहते हैं। इस असाधारण वंशागति के बहुत ही कम उदाहरण हैं, जैसे कानों में बाल की बहुलता, स्केली त्वचा आदि । लिंग क्रोमोसोम को हेटेरोसोम या ऐलोसोम भी कहते हैं, इसलिए इस प्रकार की सहलग्नता को हेटेरोसोमल या ऐोसोमल सहलग्नता भी कहते हैं। X- सहलग्नता के अनेक उदाहरण है, जिसमें हीमोफिलिया एवं प्रमुख हैं। ये दोनों रोग- लक्षणों से संबंधित जोन X क्रोमोसोम पर पाए जाते हैं। रोग कारण अवस्था में अप्रभावी जीन होता है, जैसे hh हीमोफिलिया के लिए तथा nn वर्णधता के लिए।

26. निम्नांकित पर टिपणी लिखें- (A) अण्डोत्सर्ग (B) जलक्रमक

उत्तर : (A) अण्डोत्सर्ग- – एक वयस्क  स्त्री के दो अंडाशय में लगभग चार – लाख पुटक विद्यमान होता है, लेकिन स्त्री के संपूर्ण जननकाल में पुटक नष्ट होकर स्ट्रोमा के ऊतक में मिल जाता है। इस अवस्था को पुटको अछिद्रता (follicular atresia) कहते है। अंडाशय से अंडाणुओं के बाहर निस्सरण की क्रिया को अंडोत्सर्ग (ovulation) कहते हैं। साधारणतः प्रत्येक मासिक चक्र (menstrual cycle) में एक अंडाणु का एकंतर अंडाशय (alternate ovaries) से अंडोत्सर्ग होता है। अंडोत्सर्ग प्रति 28 दिन पर (प्रतिमाह) ; ये लगभग 45-50 वर्ष की आयु तक होता रहता है। एक नारी अपने जनन-जीवन की अवधि (40-50 वर्ष) में करीब 450 अंडाणु का निर्माण करती है। पुटकीय अद्रता के समय पुटक कोशिकाएँ एवं अंडकोशिकाएँ (docytes) नष्ट हो जाने से भी, स्ट्रोमा से बना एवं पुरक के चारों ओर स्थित कुछ थिकल (thecal) कोशिकाएँ मिलकर अंतराली कोशिकाओं (interstitial cells) के निर्माण करते हैं। इनसे एंड्रोजेन (androgen) साबित होता है।

(B)  जलक्रमक में होने वाले अनुक्रमण को जलक्रमक कहते हैं.

जैसे नदी, तालाय इत्यादि। यदि जल खारा हो तो उसे लवण क्रमक कहते हैं। इसमें निम्नलिखित अवस्था होती है–

(1) पादप प्लवक अवस्था Phytoplankton stage) (2) निमग्न अवस्था (Submerged stage)

(3) प्लावी अवस्था (Floating stage) (4) रीड स्वम्य अवस्था (Reed swanip slage)

(5) मार्स मोडयू अवस्था (Marsh meadow stage) (6) वनस्पती अवस्था (Woodland stage)

(7) वन अवस्था (Forest stage)

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Class 12 Biology Test Or Quiz chapter- वंशागति और विभिनता का सिद्धांत

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टीकाकरण एक व्यक्ति को रोग से बचाता है, क्योंकि वह

 

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मानव रुधिर AB वर्ग में

 

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कैंसर का कारक है:

 

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मेंडल ने चयन किया

 

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रक्त समूह कितने प्रकार के होते हैं-

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डेंगू बुखार किसके कारण होता है ?

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गुणसूत्र प्रारूप 2n-1 को कहा जाता है

 

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इनमें से कौन वैश्विक (सर्वमान्य) रक्तदाता समूह है

 

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हीमोफीलिया किस तरह की बीमारी है?

 

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मेंडल के स्वतंत्र अपव्यूहन (law of segregation) महत्त्वपूर्ण है :

 

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मशहूर वैज्ञानिक मेंडल मुख्यतः जाने जाते हैं अपने

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मनुष्य में सबसे अधिक होने वाला कैंसर है ?

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क्रिसमस रोग’ का दूसरा नाम है

 

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हँसियाकर रुधिराणु अरक्तता में अमीनो अम्ल संघटक होता है।

 

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उत्परिवर्तन प्रेरित किए जा सकते हैं :

 

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यदि माता का रक्त समूह ‘O’ तथा शिशु का भी रक्त समूह ‘O’ हो तो पिता का रक्त-समूह क्या होगा ?

 

17 / 30

इनमें से कौन यौन संबद्ध गुण है

 

18 / 30

इनमें से किस रोग हेतु एलिसा (ELISA) जाँच करना चाहिए

19 / 30

.एक बिन्दु उत्परिवर्तन है :

 

20 / 30

मेंडल ने प्रस्तावित किया :

 

21 / 30

युग्मन एवं विकर्षण के सिद्धांत को किसने प्रतिपादित किया ?

 

22 / 30

क्लाइनफेल्टर्स सिंड्रोम का गुणसूत्र घटक है :

 

23 / 30

डाउन सिंड्रोम है

 

24 / 30

रक्त समूह की जाँच में प्रयुक्त एन्टीसिरम में पाया जाता है :

 

25 / 30

द्विसंकर क्रॉस में अनुलक्षणी (फीनोटीपिक) अनुपात होता है:

26 / 30

मानव रूधिर वर्ग कौन-कौन से हैं ?

 

27 / 30

क्रासिंग ओवर इनमें से किस अवस्था में होता है

 

28 / 30

वर्णांधता में रोगी नहीं पहचान पाता है

29 / 30

पूर्ण लिंकेज दिखाई पड़ती है

 

30 / 30

हिस्टामिन संबंधित है :

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Physics 12th Test important Question विद्युत आवेश तथा क्षेत्र

1 / 23

निम्नलिखित में कौन सदिश राशि है ?

 

2 / 23

किसी वस्तु पर आवेश की न्यूनतम मात्रा कम नहीं हो सकती है

 

3 / 23

एक स्वस्थ महिला के पूरे जीवन काल में उत्पन्न कुल अंडों की संख्या होती है

 

4 / 23

स्थिर विधुतीय क्षेत्र होता है

 

5 / 23

किसी वस्तु पर आवेश का कारण है।

 

6 / 23

एक आवेशित चालक की सतह के किसी बिन्दु पर विद्युतीय क्षेत्र की तीव्रता

 

7 / 23

दो वैद्युत क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे को किस कोण पर काटती हैं ?

 

8 / 23

किसी आवेशित समतल चादर के नजदीक विद्युत् तीव्रता E का मान होता है –

 

9 / 23

विद्युतीय क्षेत्र का विमीय सूत्र है

 

10 / 23

जब कोई वस्तु ऋणावेशित हो जाती है तो इसका द्रव्यमान क्या होता है।

 

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एक आवेशित चालक का क्षेत्र आवेश घनत्व σ है। इसके पास विद्युत क्षेत्र का मान होता है

 

12 / 23

विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता (Electric field intensity) का मात्रक होता है –

 

13 / 23

जब किसी वस्तु को आवेशित किया जाता है, तो उसका द्रव्यमान –

 

14 / 23

किसी आवेशित खोखले गोलाकार चालक के भीतर विद्युतीय तीव्रता का मान होता है –

 

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विद्युत् द्वि-ध्रुव आघूर्ण का S.I. मात्रक होता है।

 

16 / 23

यदि गोले पर आवेश 10μC हो, तो उसकी सतह पर विद्युतीय फ्लक्स है

 

17 / 23

साबुन के एक बुलबुले को जब आवेशित किया जाता है तो उसकी त्रिज्या –

 

18 / 23

विद्युतशीलता (x) का मात्रक होता है –

 

19 / 23

अर्द्धचालक के रूप में उपयोग के लिए जर्मेनियम का शोधन किस विधि द्वारा का किया जाता है ?

 

20 / 23

डिबाई मात्रक है –

 

21 / 23

कच्चा लोहा (Pig Iron) में कौन-सा तत्त्व अत्यधिक मात्रा में अशुद्धि के रूप में उपस्थित रहता है ?

 

22 / 23

सदैव मुक्त अवस्था में मिलनेवाली धातु है:

 

23 / 23

विद्युत आवेश का क्वांटम e.s.u.मात्रक में होता है

 

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