BSEB:- Class 9th ,2nd Terminal Exam 2024 | संस्कृत Original Question paper Download pdf
नमस्कार साथियों अभी आप क्लास नवमी में अध्ययन कर रहे हैं, तो 27 नवंबर को आपका हिंदी और संस्कृत का परीक्षा होने जा रहा है| सभी हाई स्कूल में तो अगर आप लोग ओरिजिनल क्वेश्चन पेपर देखना चाहते हैं|
परीक्षा से पहले तो इस आर्टिकल को पूरा ध्यान से पढ़िए इस आर्टिकल में हम आपको ऑब्जेक्टिव सब्जेक्टिव सभी प्रश्न को दे दिए हैं |जो की बिल्कुल रूप से ओरिजिनल प्रश्न होगा,आपके एग्जाम में पूछा जा रहा है| वही प्रश्न आपको हम इसमें दे रहे हैं | आंसर और नीचे दिया गया है | जिसको आप लोग याद कर सकते हैं, या पढ़कर जा सकते हैं| ध्यान रखिएगा, 9th 2nd Terminal Exam 2025 यह सेकंड टर्मिनल एग्जाम है , इसमें पास करना अनिवार्य होता है| इसलिए आप लोगों को पास भी करना है, और प्रश्न को अच्छी तरह से एक दो बार रिपीट करके देख सकते हैं |इसका वीडियो भी देख सकते हैं |जिससे आपको समझ में भी आ जाएगा| फिर आप परीक्षा में भाग लेकर पास कर सकते हैं|
इस आर्टिकल में हम आपको संस्कृत का ओरिजिनल क्वेश्चन पेपर देने वाले हैं| इसके अलावा आप होम पेज पर जाकर के सभी विषय का ओरिजिनल क्वेश्चन पेपर प्राप्त कर सकते हैं ,और यूट्यूब चैनल पर भी आपको सभी विषय का वीडियो मिल जाएगा|
संस्कृत Original Question paper Download pdf ,
Useful Link-s
Home page | BSEB Guruji |
Post Type | 9th 2nd Terminal Exam |
Category | Viral Questions with Answer key |
Subject Name | Hindi,✔️✔️ Sanskrit,✔️✔️ Science, Social science and Math, English |
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Hindi Objective Answer key
Q.N | Ans | Q.N | Ans | Q.N | Ans | Q.N Ans |
1. | C | 1 0. | C | 19. | A | 28-B |
2. | B | 11 | B | 20. | B | 29-B |
3 | C | 12. | B | 21.. | B | 30– Bl |
4. | D | 13. | B | 22. | A | |
5. | A | 14 | A | 23. | B | |
6. | B | 15. | C | 24. | B | |
7. | D | 16. | B | 25. | B | |
8. | B | 17 | C | 26 . | A | |
9. | B | 18. | भोजपुर | 27. | B |
Class 9th Sanskrit Subjective Answer key
1. धीर पुरुष का लक्षण क्या है?
जो धीर पुरुष सुख और दुख में समान, मिट्टी के ढेले और सोने को समान समझता है, जो प्रिय त्रिय तथा निन्दा और स्तुति भी समाल रहता – है।” ऐसा पुरुष 05 है। अतः उपर्युक्त प्रश्न के अनुसार धीर पुरुष दुःख और सुख में पप्पान रहते हैं। विपत्ति के समय पनुष्य को संयम नहीं खोना चाहिए। क्योंकि धैर्य वह दवा है जो लाखों सगस्याओं का प्रभावी समाधान लाश लेती है। अनेक व्यदिन आपत्तियों इतने भयभीत रहते हैं कि व तरह-तरह की सच्ची और आपतियों की कल्पना करके अपने जोचन को चिंता ग्रस्त बना लेते हैं।
5. मूर्तिकला राज्य का वैभव है, कैसे ?
“मूर्तिकला राज्य का वैशन है” यह कथन इसलिए सत्य है क्योंकि किसी भी राज्य या सभ्यता को सांस्कृतिक, धार्मिक और फलात्मक उत्कृष्टता मूर्तिकला के माध्यम से प्रदर्शित किया जा सकता है। मूर्तियां राज्य के गौरव, शक्ति, और सांस्कृतिक समृद्धि की लोक होती हैं।
10. नाटक को ‘पश्चम वेद’ क्यों कहते हैं?
त्रिपाठी ने कहा कि भरत मुनि का नाट्यशास्त्र एक विश्वकोषीय ग्रंथ है। इसमें थिएटर वास्तुकला संगीत नृत्य स्थापत्य कला 3 गुध-कला और सौंदर्यशास्त्र जैसी ओं का कलात्मक विवरण
(11) महाए के स्वभाव का चित्रण करें:
महान व्यक्ति की पहचान क्या है? जिसके व्यवहार में प्रेम; क्षमा; दया; निस्वार्थता, गहत, विनम्रता; शिष्टता; कृतज्ञ और परोपकारिता जैसे गुण परिलक्षित हाते रहते हों।
12. धानिक दृष्टिकोण से मूर्तिकला के महत्व का वर्णन करें।
भारतीय मूर्तिकला की विषय वस्तु लगभग हमेशा अमूर्त मानव रूप थी जिनका उपयोग लोगों को हिंदू, बौद्ध या जैन धर्मों की सच्चाई के बारे में निर्देश देने के लिए किया जाता था। नग्न का उदोग शरीर को आत्मा के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करने और देवताओं की कल्पित आकृतियों को प्रकट करने के लिए किया गया था।
13.ार्थानां प्रीयमाणः सूत्र की सारण व्याख्या
धारेरुत्तमर्णः’ इस सूत्र के अनुसार कर्ज लेना या धार लेना धातु के अर्थ में कर्ज देने वाचेको सम्प्रदान संज्ञा होती है। ५२२ नियमानुसार उपरोक्त वाक्य में २.म ऋण देने वाला है, इसलिए उसमें चतुर्थी विभक्ति हुयी। भाः स्पष्ट है कि उपरोक्त वाक्य का उचित संस्कृत अनुवाद देवदत्तः राजाय शतं धारयति होगा।