Latest News : – दीपावली एवं छठ पर्व में carbide से बम बनाकर फोड़ने वाले की आंख हुई | खराब बच्चे हो जाएं सावधान इस न्यूज़ को दूर तक फैलाएं

Latest News : – दीपावली एवं छठ पर्व में carbide से बम बनाकर फोड़ने वाले की आंख हुई | खराब बच्चे हो जाएं सावधान इस न्यूज़ को दूर तक फैलाएं

इस बार की छठ पूजा कुछ परिवारों के लिए बना खराब मोमेंट बाजार के गन फायर फिर उसे पटाखा फोड़ने में गई आंख, कई लोगों का जान जाने का भी खतरा है|

इस आर्टिकल को आप पूरा पढ़े,  कि आप जो कॉर्बेट से पटाखा पड़ते हैं वह पटाखा कैसा है वह पटाखा पर कैसा प्रभाव हो रहा है |

 

गन फायर नहीं हुई देखा तो धमाका हो गया

ककड़बाग के संवाददाता मीडिया ने बताया कि उनके 6 वर्षीय बेटे दिव्याग ने देसी पटाखा गन पटना सिटी से सारीदी वी. यह चलते-चलाते रुक गयी. बेटे ने नवल में झांकर, तभी यह फट गयी. आंध से खून निकलने लग तुरंत निजी अस्पताल पहुंचे डॉक्टरीन राजेंद्र नगर नेत्रालय रेफर कर

 

 

 

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carbide से बम बनाकर फोड़ने वाले की आंख हुई | खराब बच्चे हो जाएं सावधान इस न्यूज़ को दूर तक फैलाएं

 

यदि आप या आपके आसपास की कोई कॉर्बेट या माचिस के मसाला से पटाखा छोड़ने हैं तो हो जाएं सावधान क्योंकि आप कहां हो सकता है खराब सदा के लिए आंख का रेटिना हो जाता है खराब पिछले कई दिनों से ऐसा मोमेंट सामने आ रहा है यदि आप को अपनी आंख से प्यार है ,तो आप यह पटाखा ना पड़े और दूसरे को भी सलाह दे की नौकरी और इस न्यूज़ को आगे भी शेयर करें|

 

 

 

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दिवाली की खुशी में पटाखों के शौकीन युवक देशी कार्बाइड गन बनाकर अपनी आंखों के दुश्मन बन रहे हैं। शिवपुरी जिले में देशी कार्बाइड गन से 10 लोगों की आंखें जख्मी हो चुकी हैं। ये मरीज इलाज कराने नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास पहुंचे हैं। 4 मरीज ऐसे हैं जिनकी अब रोशनी लौटना मुश्किल है। एक मरीज ने बताया कि उसने यूट्यूब से सीखकर देशी कार्बाइड गन बना ली। एक युवक ने खेत के पाइप से गन बना ली और इस्तेमाल करते वक्त अपनी आंख जख्मी कर बैठा।
जानकारी के मुताबिक शिवपुरी शहर सहित गांवों में युवाओं में अचानक देशी कार्बाइड गन का चलन बढ़ गया है। इस कार्बाइड गन से पटाखे की आवाज निकलती है। दिवाली पर कई युवकों ने कार्बाइड गर्ने घर पर ही प्लास्टिक की बोतल और पाइप आदि से बना ली। कैल्शियम कार्बाइड और
उसमें पानी मिलाकर गन चलाते वक्त अपनी आंखों को नुकसान पहुंचा लिया। शिवपुरी जिले में शहर सहित ग्रामीण इलाकों से कार्बाइड गन चलाते वक्त जख्मी होकर मरीज इलाज कराने जिला अस्पताल, प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिक पहुंच रहे हैं। महज दो दिन में अब तक 10 केस सामने आ चुके हैं। पटाखे चलाने के शौकीन देशी

ज्वलनशील एसिटिलीन गैस से बढ़ रहा है खतरा, सख्त प्रतिबंध लगे कैल्शियम कार्बाइड में पानी मिलने से कैमिकल एक्शन बहुत तेजी से होती है। इससे एसिटिलीन (इथाइन) गैस बनती है। यह गैस ज्वलनशील होती है। आंखों और फेंफड़ों में जाने से यह गैस बहुत हानिकारक हो जाती है। कैल्शियम कार्बाइड से फल भी पकाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। देशी कार्बाइड गन से लोग घायल हो रहे हैं। इस पर सख्ती से रोक लगना चाहिए।

धुंधली पड़ीं, रोशनी लौटना मुश्किल चार मरीजों की आंखों की कॉर्निया

 

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# देशी कार्बाइड गन से घायल होकर मंगलवार को 7 मरीज और बुधवार को 3 मरीज आए हैं।

सभी को आंख में चोट लगी है। 10 मरीजों से 4 मरीजों की आंखों की कॉर्निया धुंधली पड़ गई हैं, जिनकी रोशनी लौटना मुश्किल है। जिन मरीजों की की रोशनी बच्ची भी

रही तो उन्हें तेज धूप, गाड़ी की रोशनी में चकाचौंध की समस्या बनी रहेगी। इस तरह की घटनाओं को देखते हुए इस की देशी कार्बाइड गन पर प्रतिबंध लगना जरूरी है। डॉ गिरीश चतुर्वेदी, नेत्र रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल शिवपुरी |

 

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