Class 12th, hindi पाठ- 3 पद [ तुलसीदास ] SUBJECTIVE- प्रश्न उत्तर, inter hindi subjective- question answer,

Class 12th, hindi पाठ- 3 पद [ तुलसीदास ] SUBJECTIVE- प्रश्न उत्तर, inter hindi subjective- question answer,

 

 

Class 12th, hindi पाठ- 3 पद [ तुलसीदास ] SUBJECTIVE- प्रश्न उत्तर, inter hindi subjective- question answer,

 

03. पद [ तुलसीदास ] कविता का सारांश

प्रस्तुत दोनों पदों में महाकवि तुलसीदास की अपने आराध्य भगवान श्री राम के प्रति अटूट एवं अडिग आस्था प्रकट हुई हैं। इन पदों में कवि की काव्य और कला संबंधित विशिष्ट प्रतिभा की अद्भुत झलक मिलती है।

प्रथम पद कवि द्वारा रचित विनय पत्रिका के सीता स्तुति खंड से उद्धृत है। कवि ने राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न आदि की विधिपूर्वक स्तुति करने के बाद सीताजी की स्तुति की है। उसने सीता को मां कहकर संबोधित करते हुए अपनी भक्ति और श्री राम के मध्य माध्यम बनने का विनम्र अनुरोध • किया है जिससे उसके आराध्य श्री राम उसकी भक्ति से प्रवाहित होकर उसका इस भवसागर से उद्धार कर दें। उसने उचित समय पर ही अपने अनुरोध को श्रीराम के समक्ष प्रस्तुत करने की प्रार्थना की है जिससे वे दयार्द्र हो उसकी भी बिगड़ी बना दें।

द्वितीय पद में कवि ने श्री राम के प्रति अटूट विश्वास एवं अडिग आस्था प्रकट करते हुए उनसे अपनी दीन-हीन अवस्था का वर्णन किया है। वह अपने आराध्य देव से अत्यंत विनम्रता पूर्वक उनकी अनुकम्पा का एक टुकड़ा पाने की आकांक्षा से भीख मांग रहा है। वह अपने प्रभु की भक्ति सुधा से अपना पेट भर लेना चाहता है।

सब्जेक्टिव-

1. कबहुँक अंब अवसर पाई। यहां अंब संबोधन किसके लिए है? इस संबोधन का मर्म स्पष्ट करें ?

उत्तर- उपर्युक्त पंक्ति में अंब का संबोधन मां सीता के लिए किया गया है गोस्वामी तुलसीदास ने सीता जी को सम्मानसूचक शब्द अंब के द्वारा उनके प्रति सम्मान की भावना प्रदर्शित की हैं।

2. प्रथम पद में तुलसीदास ने अपना परिचय किस प्रकार दिया है लिखें?

उत्तर- प्रथम पद में तुलसीदास ने अपने विषय में हीनभाव प्रकट किया है। अपनी भावना को व्यक्त करते हुए कहते हैं कि वह दीन पानी दुर्बल मलिन तथा असहाय व्यक्ति है। वे अनेकों अवगुणों से युक्त है। अंगहीन से उनका आशय संभवतः असहाय होने से हैं।

3. तुलसीदास जी सीता से कैसी सहायता मांगते हैं?

उत्तर- तुलसीदास मां सीता से भवसागर पार कराने वाले श्री राम को गुणगान करते हुए मुक्ति प्राप्ति की सहायता की याचना करते हैं। हे जगत की जननी अपने वचन द्वारा मेरी सहायता कीजिए

4. तुलसीदास सीधे राम से न कहकर सीता से क्यों कहलवाना चाहते हैं?

उत्तर- ऐसा संभवत: तुलसीदास इसलिए चाहते थे क्योंकि 1. उनको अपनी बातें स्वयं राम के समक्ष रखने का साहस नहीं हो रहा होगा वह संकोच का

अनुभव कर रहे होंगे।

2. सीताजी सशक्त ढंग से उनकी बातों को भगवान श्री राम के समक्ष रख सकेगी ऐसा प्रायः देखा जाता है कि किसी व्यक्ति से उनकी पत्नी के माध्यम से कार्य करवाना अधिक आसान होता है।

3. तुलसी ने सीताजी को मां माना है तथा पूरे रामचरितमानस में अनेकों बार मां कहकर ही संबोधित किया है अतः माता सीता द्वारा अपनी बातें राम के समक्ष रखना ही उन्होंने श्रेयस्कर समझा।

5. राम के सुनते ही तुलसी की बिगड़ी बात बन जाएगी, तुलसी के इस भरोसे का क्या कारण है?

उत्तर- गोस्वामी तुलसीदास राम की भक्ति में इतना अधिक निमग्न थे कि वह पूरे जगत को राममय पाते थे – सिवा राममय सब जग जानि यह उनका मूल मंत्र था। अतः उनका यह दृढ़ विश्वास था कि राम दरबार पहुंचते ही उनकी बिगड़ती बातें बन जाएंगे अर्थात राम ज्योंहि उनकी बातों को जान जाएंगे उनकी समस्याओं एवं कष्टों से परिचित होंगे वह इसका समाधान कर देंगे

उनकी बिगड़ती हुई बातें बन जाएंगे।

6. दूसरे पद में तुलसी ने अपना परिचय किस तरह दिया है लिखें?

उत्तर- दूसरे पद में तुलसीदास ने अपना परिचय बड़ी-बड़ी बातें करने वाला अधम कहां है छोटा मुंह बड़ी बात करने वाला व्यक्ति के रूप में स्वयं को प्रस्तुत किया है। जो कोढ़ में खाज की तरह है।

7. दोनों पदों में किस रस की व्यंजना हुई हैं?

उत्तर- दोनों पदों में भक्ति रस की व्यंजना हुई है तुलसीदास ने मर्यादा पुरुषोत्तम राम तथा जगत जननी सीता की स्तुति द्वारा भक्ति भाव की अभिव्यक्ति इन पदों में की हैं।

8. तुलसी के हृदय में किसका डर है?

उत्तर- तुलसी की दयनीय अवस्था में उनके सगे संबंधियों आदि किसी ने भी उनकी सहायता नहीं की उनके हृदय में इसका संताप था इससे मुक्ति पाने के लिए उन्हें संतों की शरण में जाना पड़ा और उन्हें वहां इसका आश्वासन भी मिला कि श्री राम की शरण में जाने से सब संकट दूर हो जाते हैं।

9. तुलसी को किस वस्तु की भूख है ?

उत्तर- तुलसी जी गरीबों के त्राता भगवान श्रीराम से कहते हैं कि हे प्रभु मैं आपकी भक्ति का भूखा जनम-जनम से हूं। मुझे भक्तिमयी अमृत का पान कराकर क्षुधा की तृप्ति कराइए।

 

10. प्रथम पद का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए ?

उत्तर- प्रथम पद में तुलसीदास सीता जी को मां कह कर संबोधित करते हैं वे कहते हैं कि मां ! जब कभी आप उचित अवसर समझे तब कोई करुण प्रसंग चलाकर श्री राम की दयार्द्र मनःस्थिति में मेरी याद दिलाने की कृपा करना तुलसीदास अपनी दयनीय स्थिति श्री राम को बताकर अपने बिगड़ती बात बनाना चाहते हैं। अर्थात वे अपने दुर्दिनों का नाश करना चाहते हैं। वे मां से अनुनय विनय करते हैं कि वे ही उन्हें इस भवसागर से पार करा सकती है वह कहते हैं कि है मां मेरा उद्धार तभी होगा जब आप श्रीराम से मेरे लिए अनुनय विनय करके मेरा उद्धार करवाओगी। उन्हें श्रीराम पर अटूट श्रद्धा तथा विश्वास हैं।

> ऑब्जेक्टिव-

1. तुलसीदास का जन्म कब हुआ था ?

उत्तर- 1543

2. तुलसीदास का जन्म कहां हुआ था ? उत्तर- राजापुर बांदा उत्तर प्रदेश

3. तुलसीदास का मूल नाम क्या था ?

उत्तर- रामबोला

4. तुलसीदास के माता पिता का नाम क्या था ?

उत्तर- हुलसी एवं आत्माराम दुबे

5. तुलसीदास के पत्नी का नाम क्या थी?

उत्तर- रत्नावली

 6. तुलसीदास के दीक्षा गुरु कौन थे ?

उत्तर- नरहरि दास

7. तुलसीदास के शिक्षा गुरु कौन थे ?

उत्तर- शेष सनातन, काशी के विद्वान

8. तुलसीदास को शिक्षा कहां से मिली ?

उत्तर- चारों वेद,षड्दर्शन, इतिहास पुराण स्मृतियां काव्य आदि

9. तुलसीदास ने घर का परित्याग क्यों किया?

उत्तर- पत्नी के फटकार से

 10. तुलसीदास का स्वामी निवास किस जगह था ?

उत्तर- काशी में

Class 12th, hindi पाठ- 3 पद [ तुलसीदास ] SUBJECTIVE- प्रश्न उत्तर, inter hindi subjective- question answer,

 

12th All subject –  Click Here

 

Important Link

Bseb official Link-Click Here
Home pageClick Here
Latest newsClick Here
SyllabussClick Here
What is IAS? Click Here
Online processClick Here
 

10th 12th New Batch

 

Click Here

 

Others Important Link- 
9th All QuestionClick Here
10th All QuestionClick Here
11th All QuestionClick Here
IAS PreparationClick Here
12th All QuestionClick Here

 

 

 

126
Created on By Madhav Ncert Classes

12 Hindi 100 marks Test important objective Question

1 / 17

मनुष्य का शरीर क्यों थक जाता है ?

 

2 / 17

‘मैं उषा की ज्योति’ में कौन-सा अलंकार है ?

 

3 / 17

The Earth🌎 has beenwritten by

4 / 17

ध्रुवस्वामिनी’ कैसी कृति है ?

 

5 / 17

How Free Is The Press has been Written By

6 / 17

तुमुल कोलाहल कलह में’ शीर्षक कविता के रचयिता कौन है ?

 

7 / 17

जयशंकर प्रसाद की सफलतम नाट्यकृति है

 

8 / 17

जयप्रकाश नारायण ने ‘संपूर्ण क्रांति’ वाला ऐतिहासिक भाषण कहाँ और कब दिया था ?

 

9 / 17

संर्पूण क्रांति का नारा किसने दिया था ?

 

10 / 17

कामायनी’ के रचयिता कौन है ?

 

11 / 17

Indian through a travellers eye has been written by

12 / 17

दिनकरजी किसलिए प्रसिद्ध है ?

 

13 / 17

उर्वशी’ किसकी रचना है ?

 

14 / 17

किसे ‘लोकनायकू’ के नाम से जाना जाता है ?

 

15 / 17

जब किसी वस्तु को आवेशित किया जाता है, तो उसका द्रव्यमान –

 

16 / 17

The Artist..has been written by

17 / 17

Ideas that have helped mankind

Your result is being prepared by Madhav Sir.

Your score is

The average score is 52%

0%

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top