12th chemistry model paper full solution 2023 ।। Chemistry viral question 2023 download PDF
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लघु उत्तरीय प्रश्न / Short Answer Type Questions
1. इकाई सेल क्या है?
उत्तर : आकाशीय जालक का वह सबसे छोटा भाग जिसकी त्रिविम में पुनरावृत्ति होने पर संपूर्ण क्रिस्टल उत्पन्न होता है, इकाई सेल कहलाता है। इकाई सेल तीन प्रकार के होते हैं-
(6) सरल खेल सरल सेल यह है जिसके सिर्फ जालक बिंदुओं पर कम – उपस्थित रहते है पेन्द्र या पालकों पर नहीं।
(ii) पिंड केंद्रित सेल—- वह सेल जिसके जालक बिंदुओं के अतिरिक्त उसके केंद्र में भी कण उपस्थित रहता है, पिंड केंद्रित सैल कहलाता है। (iii) फलवा-केंद्रित मेल से जिसके जालक विदुओं के अतिरिक्त उसके फलकों के केंद्र पर भी कम विद्यमान रहते हैं, फलक- केंद्रित सेल
कहलाता है।
2. ZnO ठंडा में उजला होता है एवं गर्म में पीला होता है। व्याख्या करें।
उत्तर : क्रिस्टल जालक के अंतराली स्थान में एक अतिरिक्त धनायन आ जाता है। क्रिस्टल की विद्युदासीनता कायम रखने के लिए एक अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन भी अंतराली स्थान में प्रवेश कर जाता है। यह दोष के दोष की सरह है। क्योंकि इसमें आर्यन अंतरी स्थान में रहते हैं, किंतु इसमें छिद्र (holes) उत्पन्न नहीं होते हैं। जिंक ऑक्साइड (ZnO) के क्रिस्टल को गर्म करने पर इसी दोष के कारण वह पीला हो जाता है।
3. वाष्प दाब के आपेक्षिक अयनमन से क्या समझते हैं ?
उत्तर👉 माना कि शुद्ध विलायक का या दाव Po. है एवं विलयन का वाष्पदा ps है,
तब वाय-दान का अवनमन = (Po-Ps) होगा।
4. उल्टा परासरण क्या है
उत्तर👉 यदि विलयन पर बाहर से दान आरोपित कर परासरणी दाब से अधिक कर दिया जाए तो पसरण के ठीक विपरीत प्रक्रिया होने लगती है। अर्थात, सिमन का विलायक अर्द्धपारगम्य झिल्ली को पार करके विलायक में प्रवेश करने लगता है, किंतु विलयन में तुले हुए लवण झिल्ली को मार नहीं करते हैं। यह प्रक्रिया उल्टा परासरण (reverse osmosis) कहलाती है।
5. एनजीओट्रॉपिक मिश्रण किसे कहते हैं
उत्तर👉 कुछ ऐसे द्रव होते हैं जिन्हें एक विशेष अनुपात में परस्पर मिश्रित कर देने पर विलयन की रचना प्रव एवं वाष्प दोनों में एकसमान रहती है। ऐसा विलयन एक निश्चित ताप पर उबलता है। ऐसे में आंशिक स्त्रवण विधि द्वारा दोनों अवयवी
द्रवों को अलग-अलग नहीं किया जा सकता है। ऐसे मिश्रण एजियोट्रोपिक मिश्रण कहलाते हैं।
एजियोट्रोपिक मिश्रण दो प्रकार के होते हैं–
1. (minimum boiling point) वाले पिठाण,
2. अधिकतम वनांक (inaximum bolling point) वाले मित्रणा
6. आरनियस समीकरण क्या है ?
उत्तर : आर्हेनियस (Arrhenius) ने अपने प्रायोगिक निरीक्षणों के आधार पर अभिक्रिया के वेग पर ताप के प्रभाव को व्यक्त करने के लिए निम्नलिखित समीकरण का उपयोग किया-
dink E /dT = EA/RT2
अभिक्रिया का वेग-स्थिरांक
T ताप (केल्विन में) R = गैस स्थिरांक और
EA सक्रियण कर्जा
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7. अधिशोषण एवं अवशोषण में अंतर बताएँ ।
उत्तर : अधिशोषण (Adsorption ) ठोस पदार्थ के संपर्क में आनेवाले द्रव या गैस के अणु ठोस पदार्थ के पृष्ठ की ओर आकर्षित होकर उससे चिपक जाते हैं। यह घटना अधिशोषण (adsorption) कहलाती है। उदाहरण- जब चारकोल के चूर्ण को मेथिलीन ब्लू के तनु विलयन में डालकर हिलाया जाता है तब विलयन का रंग फीका हो जाता है, कारण, रंग का कुछ भाग चारकोल के पृष्ठ पर अधिशोषित हो जाता है।
अवशोषण (Absorption ) – अवशोषण भी अधिशोषण की ही तरह की क्रिया है, किंतु इसमें द्रव या गैस के अणु ठोस पदार्थ के पृष्ठ पर ही चिपके नहीं रहते, बल्कि वे ठोस पिंड के अंदर तक प्रवेश कर जाते हैं। उदाहरण कलीचूना (quicklime), अनार्द्र कैल्सियम क्लोराइड, फॉस्फोरस पेंटॉक्साइड, सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल आदि अवशोषक हैं।
8. समांग उत्प्रेरक क्या है ? उदाहरण दें।
उत्तर : जब उत्प्रेरक, अभिकारक एवं प्रतिफल सभी एक ही भौतिक अवस्था बी, तब वह उत्प्रेरक समांग उत्प्रेरक कहलाता है। उदाहरण- (i) नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) की उपस्थिति में SO2 ऑक्सीकृत होकर 503 में परिवर्तित हो जाता है।
2SO2 + O 2 → 2SO3 इसमें 502, D2, SO3 और NO सभी गैसीय अवस्था में हैं। अतः, NO समांग उत्प्रेरक है।
9. अपोहण किसे कहते हैं?
उत्तर : अपोहन वह प्रक्रिया है जिसमें किसी कोलॉइडी विलयन में घुले हुए पदार्थ को एक उपयुक्त झिल्ली के जरिए विसरण क्रिया द्वारा दूर किया जाता है। कोलॉइडी विलयन को एक चर्म-थैले में भरकर पानी से भरे एक बड़े पात्र के अंदर लटका देते हैं। पात्र के अंदर पानी की धारा निरंतर प्रवाहित होती रहती है। विद्युत अपघट्य या अन्य विलेय पदार्थ, जैसे चीनी, यूरिया आदि इस चर्म-थैले से होकर शीघ्र ही प्रसारित हो जाते हैं तथा शुद्ध कोलॉइडी विलयन थैली में रह जाता है। इस क्रिया को कुछ समय तक जारी रखने पर सभी अशुद्धियाँ थैले से बाहर चली जाती है। कोलॉइडी विलयन को वास्तविक विलयन से पृथक करने की यह प्रक्रिया (dialysis) कहलाती है।
10. ऐल्युमिनियम के दो अयस्कों के नाम एवं रासायनिक सूत्र लिखें।
उत्तर : सिर्फ बॉक्साइट (bauxite) अयस्क से ही ऐलुमिनियम का निष्कर्षण किया जाता है। इस अयस्क में Fe2 O3, TiO2 और SiO2 अल्प मात्रा में अशुद्धि के रूप में रहते हैं।
ऐल्युमिनियम के दो अयस्क-
(i) बॉक्साइट (bauxite ) – Al2 O3.2H2O (ii) कोरंडम (corundum) – Al2O3
(iii) डायस्पोर ( diaspore ) – Al2O3 ,H2O
11. SO की आकृति कैसी होती है?
16. रोजेनमुण्ड अभिक्रिया क्या है?.
उत्तर : किसी एसिड क्लोराइड को जाइलीन (xylene) में घुलाकर प्राप्त विलयन को उबालते हैं। इस विलयन में पैलेडियमयुक्त बेरियम सल्फेट (उत्प्रेरक) की उपस्थिति में हाइड्रोजन गैस प्रवाहित करने पर एसिड क्लोराइड अवकृत होकर ऐल्डिहाइड में परिवर्तित हो जाता है।
R-COC1+ 2H. एसिड क्लोराइड Pd/BaSO4 Pd / BaSO4 +R CHO+ HC CH 3 – COC1 + 2H- -CH::CHO+ Ha ऐसीटिल क्लोराइड ऐसीटैल्डिहाइड यह अभिक्रिया रोजेनमुंड अभिक्रिया (Rosenmund reaction) कहलाती है।
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